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कनाडा में मिली सैकड़ों बच्चों की कब्रें, अब तक की सबसे बड़ी संख्या

Rani Sahu
24 Jun 2021 5:24 PM GMT
कनाडा में मिली सैकड़ों बच्चों की कब्रें, अब तक की सबसे बड़ी संख्या
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कुछ हफ्ते पहले भी कई बच्चों के अवशेष (Children Remains) पाए गए थे जिसने देश को चौंका दिया था

एक कनाडाई स्वदेशी ग्रुप ने बुधवार को एक पूर्व आवासीय विद्यालय (Residential School) की साइट पर सैकड़ों अज्ञात कब्रों की 'भयानक और चौंकाने वाली खोज' की घोषणा की है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इनमें सैकड़ों आदिवासी बच्चों को दफनाया गया था. कुछ हफ्ते पहले भी कई बच्चों के अवशेष (Children Remains) पाए गए थे जिसने देश को चौंका दिया था.

कनाडा के Federation of Sovereign Indigenous Nations ने एक बयान में कहा कि खोजी गई अज्ञात कब्रों की संख्या कनाडा के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी है. हालांकि बयान में कब्रों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं दी गई. समूह ने जानकारी दी कि ये कब्रें कनाडा के सास्काचेवान प्रांत के पूर्व मैरीविल इंडियन रेजिडेंशियल स्कूल में खोजी गई हैं.
1899 से 1997 तक चलता था स्कूल
समूह ने कहा कि एक प्रेस कान्फ्रेंस के माध्यम से इस बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी. यह जगह सास्काचेवान की राजधानी रेजिना से करीब 140 किमी पूर्व में स्थित है, जहां कोसैक्स समुदाय के लोग रहते हैं. यहां एक बोर्डिंग स्कूल 1899 से 1997 तक चलता था. इससे पहले कनाडा के एक बोर्डिंग स्कूल में 215 आदिवासी बच्चों के अवशेष पाए गए थे.
इनमें से कुछ बच्चे तीन साल की उम्र तक के थे. ये अवशेष रेजिडेंशियल स्कूल में मिले हैं. इस मामले में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने शुक्रवार को एक ट्वीट किया था और घटना को दिल तोड़ देने वाला बताया था. ट्रूडो ने ट्वीट में लिखा था 'पूर्व कंपूल्स रेजिडेंशियल स्कूल में अवशेष मिलने की खबर ने मेरा दिल तोड़ दिया है. हमारे देश के इतिहास के उस काले और शर्मनाक अध्याय के बारे में याद करना दर्दनाक है.'
150,000 बच्चे बने नरसंहार का शिकार
ब्रिटिश कोलंबिया में स्थित ये स्कूल साल 1978 में ही बंद हो गया था. Tk'emlúps te Secwepemc जनजाति ने बताया है कि कंपूल्स इंडियन रेजिडेंशियल स्कूल में ये अवशेष जमीन भेदक रडार विशेषज्ञ की मदद से मिले हैं. एक बयान जारी कर समूह ने कहा है, 'हमें पता है कि हम अपने समुदाय के लोगों की पहचान कर सकते हैं. इस समय हमारे पास जवाब से ज्यादा सवाल हैं.' इन अमानवीय कृतयों का शिकार 150,000 बच्चे बने थे.


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