विश्व

हांगकांग चुनाव में चीन समर्थक प्रत्याशियों को मिली भारी जीत, US-ब्रिटेन ने जताई चिंता

Renuka Sahu
21 Dec 2021 5:08 AM GMT
हांगकांग चुनाव में चीन समर्थक प्रत्याशियों को मिली भारी जीत, US-ब्रिटेन ने जताई चिंता
x

फाइल फोटो 

हांगकांग की विधायिका के लिए हुए चुनाव में चीन समर्थक प्रत्याशियों ने भारी जीत दर्ज की है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हांगकांग (Hong Kong Election) की विधायिका के लिए हुए चुनाव में चीन (China) समर्थक प्रत्याशियों ने भारी जीत दर्ज की है.उन्होंने बीजिंग (Beijing) की ओर से स्वायत्त क्षेत्र के निर्वाचन कानून में बदलाव के बाद हुए पहले चुनाव में मध्यमार्गी और निर्दलीय प्रत्याशियों को करारी मात दी है. चीन ने यह सुनिश्चित करने के लिए कानून पारित किया था कि केवल बीजिंग के प्रति निष्ठा रखने वाले लोग ही शहर का प्रशासन संभालें. इसके बाद रविवार को हुए पहले चुनाव में बीजिंग के विश्वासपात्र उम्मीदवारों ने अधिकतर सीट पर जीत दर्ज की है.

हांगकांग की नेता और चीन समर्थक कैरी लैम (Carrie Lam) ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह 30.2 फीसदी मतदान होने के बावजूद संतुष्ट हैं. वर्ष 1997 में ब्रिटेन (Britain) ने हांगकांग को चीन को सौंपा था और इसके बाद से यह सबसे कम मतदान प्रतिशत है. कैरी लैम ने कहा कि पंजीकरण कराने वाले मतदाताओं की संख्या 92.5 प्रतिशत थी जो वर्ष 2012 और 2016 के चुनाव के मुकाबले अधिक है, तब केवल 70 प्रतिशत मतदाताओं का पंजीकरण हुआ था.
विपक्ष ने की चुनाव की आलोचना
नए कानून के तहत विधायिका के लिए प्रत्यक्ष निर्वाचित सदस्यों की संख्या 35 से घटाकर 20 कर दी गई है, जबकि कुल सदस्यों की संख्या में वृद्धि की गई और अब 70 के बजाय 90 सदस्यीय परिषद है. इनमें से अधिकतर सदस्यों की नियुक्ति चीन समर्थक निकाय करते हैं, और यह सुनिश्चित किया जाता है कि उनका विधायिका में बहुमत हो. हालांकि, विपक्षी खेमे ने चुनाव की आलोचना की है. सबसे बड़े लोकंतत्र समर्थक दल डेमोक्रेटिक पार्टी ने 1997 के बाद पहली बार अपने एक भी उम्मीदवार को चुनावी मैदान में नहीं उतारा.
चीन ने चुनावों को लेकर क्या कहा?
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान (Zhao Lijian) ने कहा कि मतदान प्रतिशत कम रहने के कई कारण रहे. झाओ ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा, 'इसकी वजह केवल महामारी नहीं है, बल्कि हांगकांग में चीन विरोधी ताकतों की तरफ से पैदा की गई बाधा और बाहरी शक्तियां भी जिम्मेदार हैं.'
इन मुल्कों ने जताई चुनावी प्रणाली को लेकर चिंता
इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, न्यूजीलैंड और अमेरिका के विदेश मंत्रियों ने हांगकांग की चुनावी प्रणाली के लोकतांत्रिक तत्वों के क्षरण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बढ़ते प्रतिबंधों पर गंभीर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा, शांतिपूर्ण वैकल्पिक विचारों के लिए स्थान की रक्षा करना हांगकांग की स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने का सबसे प्रभावी तरीका है.
Next Story