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चीन द्वारा प्रस्तुत बीआरआई पहल में भारी उपलब्धियां हासिल हुईं

Rani Sahu
14 Dec 2022 3:03 PM GMT
चीन द्वारा प्रस्तुत बीआरआई पहल में भारी उपलब्धियां हासिल हुईं
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बीजिंग, (आईएएनएस)| 16 दिसंबर को बेल्ट एंड रोड पहल (बीआरआई) अंतरराष्ट्रीय दिवस है ।यह बेल्ट एंड रोड के देशों के 1000 से अधिक अध्ययनकर्ताओं की वकालत से स्थापित एक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी दिवस है। बेल्ट एंड रोड रेशम मार्ग की आर्थिक पट्टी और 21वीं सदी में समुद्री रेशम मार्ग का संक्षिप्त नाम है।
सितंबर 2013 में चीनी राष्ट्रपति शीचिनफिंग ने कजाखस्तान की यात्रा के दौरान पहली बार नीतिगत संपर्क, सड़क संपर्क, व्यापार की सुगमता, जनसंपर्क मजबूत कर एक साथ रेशम मार्ग की आर्थिक पट्टी निर्मित करने की अपील की। अक्टूबर 2013 में राष्ट्रपति शीचिनफिंग ने इंडोनिशिया की संसद में भाषण देते हुए कहा कि चीन आसियान के सदस्यों के साथ पारस्परिक संपर्क निर्माण मजबूत कर समुद्री सहयोग साझेदारी का विकास कर 21वीं सदी में समुद्री रेशम मार्ग का निर्माण करने के लिए तैयार है। बेल्ट एंड रोड पहल इस तरह पैदा हुआ। वह चीन, मध्य एशिया, दक्षिण पूर्वी एशिया, दक्षिण एशिया, पश्चिमी एशिया और यूरोप के कुछ क्षेत्रों को जोड़ता है, जो विश्व में सब से लंबा वृहद आर्थिक गलियारा है।
बेल्ट एंड रोड पहल प्रस्तुत करने के बाद उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सक्रिय प्रतिक्रिया मिली। अब तक चीन ने 149 देशों और 32 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ बेल्ट एंड रोड निर्माण के सहयोग दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये हैं और 3000 से अधिक सहयोगी परियोजनाएं तय हुई हैं, जिसका पूंजी निवेश लगभग 10 खरब अमेरिकी डॉलर है।
6 बड़े आर्थिक गलियारे बेल्ट एंड रोड के रणनीतिक स्तंभ और क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग के अहम ढांचे हैं। उनमें चीन-मंगोलिया-रूस गलियारा ,नया एशिया-यूरोप थलीय सेतु ,चीन-मध्य एशिया-पश्चिमी एशिया गलियारा ,चीन-इंडो-चाइना प्रायद्वीप गलियारा ,चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा और बंगलादेश-चीन-भारत-म्यांमार गलियारा शामिल हैं। नौ वर्षो में 6 बड़े आर्थिक गलियारों के निर्माण में बड़ी प्रगित हासिल हुई है ,जो विभिन्न देशों के पारस्परिक संपर्क की साझेदारी मजबूत करने और एशिया व यूरोप के दो बड़े बाजारों के जुड़ाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए नया एशिया-यूरोप थलीय सेतु चीन-मंगोलिया-रूस गलियारा ,चीन-मध्य एशिया-पश्चिमी एशिया आर्थिक गलियारा एशिया-यूरोप कांटिनेंटके मध्य व पूर्व इलाकों से पार करते हैं। वे न सिर्फ जीवंत आर्थिक शक्ति से भरे पूर्वी एशिया और विकसित यूरोप को जोड़ते हैं, बल्कि फारस की खाड़ी, भू मध्य सागर और बाल्टिक सी के साथ सहयोग का रास्ता सुगम बनाया गया है।
नौ साल में बेल्ट एड रोड निर्माण में सिलसिलेवार प्रतीकात्मक परियोजनाओं की ठोस प्रगति हासिल हुई है। मसलन 1035 किलोमीटर लंबा चीन-लाओस रेलवे पिछले साल चालू हुआ है। जकार्ता-बानदुंग हाई स्पीड रेलवे और चीन-थाईलैंड रेलवे का निर्माण स्थिरता से चल रहा है। हिंद महासागर पर समुद्र पार करने वाला पहला सेतु यानी मालदीव में चीन-मालदीव मित्रता पुल वर्ष 2018 में चालू हुआ। इस पुल के जरिये राजधानी माले से हवाई अड्डे तक पहुंचने में सिर्फ पांच मिनट लगते हैं।
बेल्ट एंड रोड निर्माण के ढांचे में चीन और संबंधित देशों के व्यापार व निवेश में तेज वृद्धि भी दर्ज हुई है। इस अगस्त तक चीन और बेल्ट एंड रोड साझेदारों के बीच वस्तु व्यापार की राशि 120 खरब अमेरिकी डॉलर पर जा पहुंची। साझेदार देशों में चीन का गैर वित्तीय प्रत्यक्ष निवेश 140 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक था।
(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)
--आईएएनएस
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