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यह ऐतिहासिक समझौता जैव विविधता संरक्षण को कैसे बढ़ाएगा?

Rani Sahu
21 Dec 2022 1:39 PM GMT
यह ऐतिहासिक समझौता जैव विविधता संरक्षण को कैसे बढ़ाएगा?
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बीजिंग, (आईएएनएस)| कनाडा के मॉन्ट्रियल में 19 दिसंबर को दोपहर 3 बजे संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता संधि के हस्ताक्षरकतार्ओं के 15वें सम्मेलन (कोप15) के अध्यक्ष ने जब हथौड़ा मारा, तो लगभग 10 घंटे से इंतजार कर रहे सभी पक्षों के प्रतिनिधियों ने खड़े होकर खुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता फ्रेमवर्क के पारित होने की खुशियां मनाने के लिए तालियां बजाईं, और खुशी से एक दूसरे को गले लगाया।
यह एक ऐतिहासिक समझौता है, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा चार साल की कठिन वार्ताओं के बाद संपन्न किया गया। वह वैश्विक जैव विविधता के संरक्षण को बढ़ाने के लिए सभी पक्षों की व्यावहारिक इच्छा और ²ढ़ संकल्प को प्रदर्शित करता है।
कोप15 के अध्यक्ष और चीन के पारिस्थितिकी और पर्यावरण मंत्रालय के मंत्री हुआंग रुनछ्यु ने कहा कि चार साल बाद, हम आखिरकार यात्रा के अंत तक पहुंच गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि आखिरकार हमने प्रकृति के साथ शांति समझौता संपन्न करना शुरू कर दिया है। वैश्विक जैव विविधता में गंभीर क्षति की स्थिति में, बाहरी दुनिया आमतौर पर मानती है कि यह फ्रेमवर्क बहुत महत्वपूर्ण है, जो प्रकृति संरक्षण के क्षेत्र में पेरिस समझौते की तरह है। उसने 2030 और उसके बाद तक वैश्विक जैव विविधता शासन के लिए लक्ष्य निर्धारित किया और रास्ता साफ किया।
यह फ्रेमवर्क महत्वाकांक्षा और व्यावहारिकता को संतुलित करता है, और इसमें कुल 23 विशिष्ट लक्ष्य शामिल हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण 2030 तक दुनिया की कम से कम 30 प्रतिशत भूमि, अंतदेर्शीय जल और महासागरों की रक्षा करने की प्रतिबद्धता है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इस लक्ष्य की स्थापना ने वैश्विक जैव विविधता शासन में विभिन्न देशों की महत्वाकांक्षाओं को दर्शाया है, जो व्यावहारिक और संचालन योग्य भी है।
इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता संधि की 30वीं वर्षगांठ है। यदि वैश्विक जैव विविधता संरक्षण की तुलना एक ऊंची इमारत के निर्माण से करें, तो मनुष्यों के पास अब एक विस्तृत निर्माण रेखाचित्र है। केवल रेखाचित्र के अनुसार निर्माण करने से ही इमारत को पूरा किया जा सकता है, 2050 तक मनुष्य और प्रकृति का सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व की ²ष्टि को साकार किया जा सकता है। इसके बाद, सभी पक्षों को न केवल मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति बनाए रखनी चाहिए, बल्कि कार्रवाई शक्ति भी प्रदर्शित करनी चाहिए।
(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
--आईएएनएस
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