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इसके एक सप्ताह बाद एजेंट्स ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.
बिटफिनेक्स से बिटकॉइन की चोरी के मामले में इल्या लिचेंस्टीन (Ilya Lichtenstein) और हीथर मॉर्गन (Heather Morgan) पकड़े गए हैं. दोनों हैकर्स चोरी करने से पहले हफ्तों तक बिटफिनेक्स सर्वर के अंदर रहे थे. वे क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज पर यूजर्स को बिटकॉइन खरीदते और बेचते हुए देखते थे. उन्होंने सुरक्षा प्रणाली को नियंत्रित करने वाले कमांड का अध्ययन किया. साथ ही इन्होंने ये जानने की कोशिश की कि बिटनेक्स की कुछ तो कमजोरी होगी.
4 घंटों मे की चोरी
एनडीटीवी प्रॉफिट की रिपोर्ट के अनुसार, बिटकॉइन दुनिया भर के कंप्यूटरों द्वारा बनाए गए डेटाबेस में एंट्री के रूप में मौजूद हैं. बिटकॉइन चोरी करने के लिए दोनों को पर्सनल पासवर्ड की जरूरत थी. क्रिप्टोग्राफिक पासवर्ड सिक्कों को अनलॉक करने और उन्हें ट्रांसफर करने की अनुमति देते थे. 2 अगस्त 2016 को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर हैकर्स ने एक्सचेंज की डेली निकासी सीमा को 2,500 बिटकॉइन से बढ़ाकर 1 मिलियन कर दिया, जो पूरे तिजोरी को खाली करने के लिए पर्याप्त से अधिक था. फिर उन्होंने पासवर्ड का इस्तेमाल करते हुए बिटफिनेक्स के बिटकॉइन को ब्लॉकचैन पर नियंत्रित पते पर ट्रांसफर करना शुरू कर दिया. अगले 3 घंटे और 51 मिनट में हैकर्स ने 119,754 सिक्के चुरा लिए, जो उस समय दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों में से एक के आधे से अधिक थे.
बिटफिनेक्स को हुआ शक
जब Bitfinex के अधिकारियों ने महसूस किया कि क्या हुआ था, तो उन्होंने सुराग के लिए सर्वर की मेमोरी को खोजने के लिए एक सुरक्षा टीम को काम पर रखा. पहले अधिकारियों को लगा कि शायद अपराधी उत्तर कोरिया की हैकिंग कोर का हिस्सा थे, जिसने छह महीने पहले बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक से 81 मिलियन डॉलर की चोरी की थी. हालांकि, लॉग ऑफ करने से पहले, हैकर्स ने अपने डिजिटल फिंगरप्रिंट को प्रभावी ढंग से मिटा दिया था.
इतिहास की सबसे बड़ी चोरी
Bitfinex के पास एकमात्र जानकारी ब्लॉकचैन पर 34-वर्णों के पते थे, जहां हैकर्स ने पैसे भेजे थे. जनता से सहायता प्राप्त करने के प्रयास में, कंपनी ने उन पतों को सभी के देखने के लिए इंटरनेट पर डाल दिया. वर्षों तक, अधिकांश फंड उन डिजिटल वॉलेट्स में रहे. इस दौरान बिटकॉइन की कीमत भी 100 गुना अधिक बढ़ गई. 2021 तक चोरी हुए बिटकॉइन की कीमत 8 बिलियन डॉलर से अधिक थी, जिससे यह अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी चोरी बन गई. हालांकि, चोरी का पता लगाने का कोई स्पष्ट तरीका नहीं था कि इसे किसने लिया. हैकर्स की पर्सनल चाबियों के बिना, पुलिस के पास इसे वापस पाने का कोई रास्ता नहीं था.
न्यूयॉर्क के कपल पर हुआ शक
इस दौरान ग्रैंड रैपिड्स, मिशिगन में, अपने तहखाने से काम कर रहे एक आंतरिक राजस्व सेवा एजेंट को एक सुराग मिला. ऐसा लग रहा था कि चोरी न्यूयॉर्क शहर के एक कपल से जुड़ा हुआ है. उनका नाम इल्या लिचेंस्टीन और हीथर मॉर्गन था. सोशल मीडिया में देखने पर दोनों बिल्कुल भी आपराधिक प्रवृति के नहीं लग रहे थे. 31 साल के मॉर्गन तब सेल्सफोक नामक एक छोटे कॉपी राइटिंग बिननेस के संस्थापक थे. वह वॉल स्ट्रीट पर 6,500 डॉलर प्रति माह के किराए वाले अपार्टमेंट में लिचेंस्टीन के साथ रहते थे.
एकाउंट में मिली फेक आईडी
एजेंट्स ने लिचेंस्टीन के क्लाउड स्टोरेज एकाउंट खंगालने के वारंट हासिल किए. उनमें से एक को फेक आईडीज की एक लिस्ट मिली, जिसमें मेल और फीमेल दोनों के नाम थे. पता चला कि दोनों छद्मनामों से डेबिट कार्ड्स खरीदने के लिए 2019 में कीव गए थे. एजेंट्स ने लिचेंस्टीन की एक फाइल की इन्क्रिप्शन को क्रैक कर लिया और इसमें जो मिला वह चौंकाने वाला था. इसमें लगभग 2,000 बिटकॉइन एड्रेसेज की प्राइवेट कीज़ थीं, जोकि बिटफिनेक्स हैक से जुड़ी हुई थीं. इसके एक सप्ताह बाद एजेंट्स ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.
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