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प्रधानमंत्री और उनके मंत्री नए कानून ला सकते हैं, तब तक ही, जब तक उन्हें संसद का समर्थन प्राप्त है.
लिज ट्रस ब्रिटेन नई प्रधानमंत्री बन गई हैं. चुनाव में 82.6 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें सुनक को 60,399 मत जबकि ट्रस को 81,326 मत मिले. मतदान के लिए कंजरवेटिव पार्टी के 172,437 सदस्य योग्य थे, वहीं 654 वोट खारिज कर दिए गए. पीएम बनने के बाद अब ट्रस के सामने सबसे बड़ी चुनौती ब्रिटेन की सिकुड़ती अर्थव्यवस्था को मजबूत करना, ऊर्जा के दामों में कमी लाना और पार्टी में आए अंतर को पाटना है. वह आम नागरिकों पर पड़ रहे महंगाई के भार को कम करने की कोशिश भी करेंगी.
ऐसे में लोगों की दिलचस्पी यह जानने में है कि आखिर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को क्या काम करने होते हैं. उन्हें कितनी सैलरी मिलती है और एक प्रधानमंत्री के तौर पर उनके पास क्या शक्तियां होती हैं?
कितनी होती है प्रधानमंत्री की सैलरी?
बता दें कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को रहने के लिए आधिकारिक निवास मिलता है, जिसे 10 डाउनिंग स्ट्रीट कहा जाता है. यहां पीएम का एक कार्यकारी दफ्तर होता है, जहां वह सारी बैठकें करता है. 10 डाउनिंग स्ट्रीट को पीएम आवास के तौर पर 1735 से इस्तेमाल किया जा रहा है. हालांकि कुछ प्रधानमंत्री जैसे बोरिस जॉनसन ने रहने के लिए नंबर 11 का विकल्प चुना, जो नंबर 10 से काफी बड़ा है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री की सैलरी 164,080 पाउंड (1,50,58,516 रुपये) है. इसमें सांसद बनने के लिए 84,144 पाउंड (77,22,354 रुपये) और बाकी 79,936 (73,36,162 रुपये) प्रधानमंत्री पद के लिए दिए जाते हैं. हालांकि, बोरिस जॉनसन ने केवल 75,440 पाउंड का पीएम भत्ता लिया था.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का काम क्या होता है?
अब आपको यह भी जानना चाहिए कि प्रधानमंत्री ब्रिटिश सरकार का लीडर होता है. जिसे ब्रिटिश महारानी नियुक्त करती हैं. आमतौर पर वह ब्रिटेन के आम चुनाव जीतने वाली पार्टी का नेता होता है. चूंकी इस बार बोरिस जॉनसन ने कार्यकाल खत्म होने से पहले ही खुद अपना पद छोड़ा है, इसलिए कंजर्वेटिव पार्टी जो कि बहुमत में है, उसने अपने नए नेता का चुनाव किया है. प्रधानमंत्री का चयन देश के मतदाताओं के बजाय कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों ने किया है. चुनाव जीतने वाली लिज ट्रस अपने शेष कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री बनी रहेंगी.
क्या होगी लिज ट्रस की जिम्मेदारी?
गौरतलब है कि ब्रिटेन का प्रधानमंत्री सरकार की सभी नीतियों और फैसलों के लिए जिम्मेदार होता है. उनका काम सरकार के सदस्यों का चुनाव करना होता है, जिन्हें मंत्री कहते हैं. पार्टी के वरिष्ठ लोगों को कैबिनेट मंत्री बनाया जाता है और सरकारी विभाग सौंपे जाते हैं, जैसे वित्त मंत्रालय, गृह मंत्रालय. प्रधानमंत्री मंत्रियों को उनके पद से कभी भी हटा सकता है. वह सरकारी विभागों को खत्म कर नए विभागों का गठन भी कर सकता है. प्रधानमंत्री कर और व्यय नीतियों का प्रभारी होता है. प्रधानमंत्री और उनके मंत्री नए कानून ला सकते हैं, तब तक ही, जब तक उन्हें संसद का समर्थन प्राप्त है.
Source: zeenews
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