विश्व

ब्रह्माण्ड में कितने हैं ब्लैक होल?, शोध में मिला जवाब

Gulabi
22 Jan 2022 3:08 PM GMT
ब्रह्माण्ड में कितने हैं ब्लैक होल?, शोध में मिला जवाब
x
ब्रह्माण्ड में कितने हैं ब्लैक होल?
दुनिया में लगभग सौ साल पहले ही ब्लैक होल (Black Hole) की अवधारणा आई है. 1972 में सबसे पहले ब्लैक होल के पाए जाने की पुष्टि हुई थी और तीन साल पहले ही ब्लैक की पहली तस्वीर दुनिया को देखने को मिली थी. लेकिन ब्रह्माण्ड (Universe) में मौजूद तारकीय भार वाले ब्लैक होल (Stellar Mass Black Holes की संख्या कितनी होगी इसकी गणना करने के बारे में शायद किसी नहीं सोचा नहीं होगा. पर शोधकर्ताओं ने अपने नए गणनात्मक तरीके से यह कौतूहल भरी गणना कर ली है. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी पता लगाया है कि तारकीय भार वाले ब्लैक होल में ब्रह्माण्ड का कितना पदार्थ भरा है.
अहम सवालों के जवाबों की तलाश
इन नई पद्धति का उपयोग कर SISSA के शोधकर्ताओं ने आधुनिक खगोलभौतिकी और खगोलविज्ञान के बहुत अहम सवाल का जवाब देने की कोशिश की है. इस विषय पर SISSA के प्रोफेसर एड्रिया लैपी और डॉ ल्यूमेन बोको के मार्गनिर्देशन में पीएचडी छात्र एलेक्स सिसिलिया ने राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय संस्थानों के शोधकर्ताओं के साथ अध्ययन किया.
अपने तरह का पहला अध्ययन
एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने तारकीय भार वाले ब्लैक होल का जनसांख्यकीय अध्ययन किया. तारकीय भार वाले ब्लैक होल का भार सैकड़ों सौर भार का होता है जिनकी उत्पत्ति विशाल तारों के मरने से होती है. सिसिलिया ने बताया कि यह अपने तरह के पहला अध्ययन है.
तारों की अन्य प्रक्रियाओं का भी अध्ययन
सिसिलिया ने बताया कि इस काम की सबसे नई बात यही है कि इसमें तारकीय और द्वीज विकास का विस्तृत प्रतिमान बनाए गए हैं. इसमें गैलेक्सी के अंदर तारों के निर्माण और धातु संवर्धन जैसी प्रक्रियाओं को भी शामिल किया गया है. और खगोलीय इतिहास में इस तरह का पहली बार तारकीय भार वाले ब्लैक होल का अध्ययन किया गया है.
कितने ब्लैक हैं इस तरह के
इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह भी पता लगाया है कि ब्रह्माण्ड के कुल सामान्य पदार्थ की मात्रा का एक प्रतिशत हिस्सा इन तारकीय भार वाले ब्लैक होल में कैद है. हैरान की बात यह है कि शोधकर्ताओं ने पपाया कि अवलोकित ब्रह्माण्ड में इस तरह के ब्लैक होली की संख्या करीब 40 अरब अरब है.
क्या पद्धति अपनाई गणना के लिए
वैसे तो वैज्ञानकों के लिए संपूर्ण ब्रह्माण्ड का बहुत सा हिस्सा अनजान है, लेकिन अभी तक जो ब्रह्माण्ड अवलोकित किया जा सका है उसका आकार 90 अरब प्रकाशवर्ष के व्यास का गोला है. शोधकर्ताओं ने अपनी गणना की पद्धति के बारे में बताते हुए कहा, "ये अहम नतीजे एक मूल पद्धति के साथ तारकीय एवं द्विज उद्भव कोड SEVN को मिलाकर हासिल किए गया था. SEVN को SISSA के शोधकर्ता डॉ मारियो स्पेरा ने विकसित किया है.
अहम घटकों की मदद से
इस पद्धति में तारों क निर्माण की गति, तारों के भार की मात्रा, अंतरतारकीय माध्यम की धात्विकता सहित गैलेक्सी के भौतिक गुणों का पता लगाया गया था. ये सभी तारकीय ब्लैक होल की संख्या और भार का पता लगाने के लिए एक अहम तत्व हैं. इन घटकों का पता लगाकर शोधर्ताओं ने ब्रह्माण्ड के इतिहास के ऐसे ब्लैक होल की संख्या और भार वितरण का पता लगाया.
इसके अलावा शोधकर्ताओं ने अलग तारों, द्विज तंत्रों, और तारकीय पुंजों वाले अलग अलग भार के ब्लैक होल के निर्माण करने वाले विविध स्रोतों का भी अध्ययन किया और पाय कि अधिकांश तारकीय ब्लैक होल मुख्यतया तारकयी पुंजों की गतिमान घटनाओं से पैदा होते हैं. यह अध्ययन खगोलभैतिकी, गैलेक्सी निर्माण, गुरुत्वाकर्षण तरंगें जैसे बहुल विषयक शोध है.
Next Story