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वैज्ञानिकों ने खोजी दो अदृश्य गैलेक्सी
वैज्ञानिकों ने खगोलीय धूल (Cosmic Dust) के पीछे छिपी दो गैलेक्सी (Galaxies) खोजी हैं. ये दो गैलेक्सी हबल टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) के शक्तिशाली ऑप्टिकल लेंस से भी दिखाई नहीं दे रही हैं और अपने आसपास की खोगलीय धूल की बहुत मोटी परत के पीछे छिप गई हैं. इस नए अध्ययन में पता चला है कि पांच सुदूर गैलेक्सी आज भी हमारे टेलीस्कोप में दिखाई नहीं देती हैं क्योंकि वे खगोलीय धूल में छिपी हुई हैं. लेकिन 29 अरब प्रकाशवर्ष दूर स्थित इन गैलेक्सी की खोज उनसे आने वाली रेडियो तरंगों की वजह से की जा सकी.
बदल गई है धारणा
शोधकर्ताओं का मानना है कि इस नई जानकारी ने बिगबैंग से ही हमारे ब्रह्माण्ड के विकास के बारे में धारणा बदल दी है. 29 अरब प्रकाशवर्ष दूर स्थित इन गैलेक्सी की खोज कोपनहेगन यूनिवर्सिटी के नील बोर इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने की. इसके लिए उन्होंने चिली के आटाकामा रेगिस्तान में स्थित आटाकामा लार्ज मिलीमीटर ऐरे (ALMA) रेडियो टेलीस्कोप की मदद ली है.
सुदूर गैलेक्सी का अध्ययन
आल्मा टेलीस्कोप ब्रह्माण्ड के सहसे गहरे और ठंडे पिंडों से निकलने वाली रेडियो तरंगों को पकड़ सकता है. इसी की मदद से शोधकर्ताओं ने इन दो दिखाई ना देने वाली गैलेक्सी के संकेतों को पकड़ा. नील्स बोर इंस्टीट्यूट के कॉस्मिक डॉन सेंटरके असोसिएट प्रोफेसर पास्कल ओश ने बताया कि उनकी टीम सुदूर गैलेक्सी के नमूनों का अध्ययन कर रही थी जो पहले ही हबल टेलीस्कोप से देखे जा चुके थे.
उम्मीद नहीं थी उनके वहां होने की
ओश ने बताया कि उनकी टीम ने ध्यान दिया कि जिन गैलेक्सी का वे अध्ययन कर रहे हैं उनमें से एक गैलेक्सी के दो ऐसे पड़ोसी दिखाई दिए जिनके होने की वे उम्मीद ही नहीं कर रहे थे. चूंकि दोनों ही गैलेक्सी धूल से घिरी थीं, उनका कुछ प्रकाश रुक रहा था जिससे वे प्रकाशकीय टेलीस्कोप हबल के लिए अदृश्य ही थीं.
उम्मीद से कहीं ज्यादा गैलेक्सी
लेकिन आल्मा रेडियो टेलीस्कोप से देखने पर ये गैलेक्सी अचानक दिखाई भी देने लगीं. खगोलविदों का मानना था कि ब्रह्माण्ड में कुछ ही गैलेक्सी हैं दिखाई नहीं देती हैं. लेकिन नई खोज इस धारणा को बदलने वाली है. इस शोध से पता चलता है कि शुरुआती ब्रह्माण्ड में जितनी समझी जा रही थीं उससे कहीं ज्यादा गैलेक्सी रही होंगी.
अब पता चल सकता है छिपी गैलेक्सी का
शोध से स्पष्ट होता है कि शुरुआती ब्रह्माण्ड में बहुत सी गैलेक्सी तारों के छोटे कणों से बनी धूल के पीछे छिप गई होंगी. लेकिन अब उन्ही गैलेक्सी को आल्मा जैसे उच्च संवेदनशील टेलीस्कोप और शोधकर्ताओं की पद्धति की सहायता से खोजा जा सकता है. अब शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया है कि 10 से 20 ग्लैक्सी ब्रह्माण्ड में धूल के पीछे छिपी हो सकती हैं.
इतनी ज्यादा दूर कैसे
हैरानी की बात है कि जहां यह माना जाता है कि ब्रह्माण्ड की शुरुआत 13 से 14 अरब साल पहले हुई थी. तो ये गैलेक्सी इतनी दूर कैसे हो सकती हैं कि वहां से संकेतों को आने में 29 अरब साल का समय लगा या ये 29 अरब प्रकाशवर्ष दूर कैसे स्थित हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि यह ब्रह्माण्ड के विस्तार की वजह से हो गई है. प्रकाश को हम तक पहुंचने में केवल 13 अरब साल का ही समय लगा है.
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ओश का कहना है कि उनकी खोज दर्शाती है कि पांच में एक पुरातन गैलेक्सी हमारे नक्शों में से गायब हो सकती है. लेकिन इससे पहले कि हम यह समझना शुरू करें कि ब्रह्माण्ड में ग्लैक्सी बनना कब और कैसे बनना शुरू हुई, सबसे पहले हमें यह जानना होगा कि वे कुल कितनी हैं. इस दिशा में नासा का जेम्स बेव स्पेस टेलीस्कोप (JWST) से खगोलविदों को बहुत उम्मीदें हैं.
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