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डीजेआई ड्रोन कंपनी का वर्चस्व कैसे बन सकता है?

Rani Sahu
5 Jan 2023 5:36 PM GMT
डीजेआई ड्रोन कंपनी का वर्चस्व कैसे बन सकता है?
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बीजिंग,(आईएएनएस)| चीन के डीजेआई (डीजीआई) ड्रोन का सौ से अधिक देशों में निर्यात किया गया है, और इसकी वैश्विक बाजार हिस्सेदारी 80 फीसदी से अधिक तक जा पहुंची है। अब डीजेआई विश्व में नागरिक ड्रोन उद्योग का निर्विवाद बादशाह बना है। हुवावे जैसी इस चीनी हाई-टेक कंपनी के खिलाफ अमेरिका ने भी दबाने का निरंतर प्रयास किया है। लेकिन, अमेरिका के अग्निशमन विभाग, नागरिक विभाग और यहां तक कि सैन्य संगठन डीजेआई से अविभाज्य हैं। कुछ अमेरिकी सैनिक अपने खर्च पर डीजेआई ड्रोन भी खरीदते हैं। कारण यह है कि डीजेआई उत्पाद शक्तिशाली और अपूरणीय हैं। डीजेआई के अधिकांश उत्पाद स्थानीयकृत हैं और डीजेआई दुनिया में नागरिक ड्रोन का शाह बना है। उधर, अमेरिका का प्रतिबंध बिल्कुल अप्रभावी है। 2006 में स्थापित डीजेआई कंपनी ने केवल 4 कर्मचारियों के साथ एक छोटी कंपनी के रूप में शुरुआत की थी, पर अब यह हजारों कर्मचारियों के साथ एक विश्व स्तरीय उद्यम के रूप में विकसित हो चुकी है।
इस साल सितंबर में डीजेआई को '2022 ग्लोबल यूनिकॉर्न लिस्ट' में सूचीबद्ध किया गया। डीजेआई कंपनी की सफलता निस्संदेह स्टार्ट-अप के लिए चीनी सरकार के समर्थन और चीन के उपयुक्त उद्यमशीलता के माहौल से आती है। साथ ही, डीजेआई ने सभी तकनीकी उपकरणों के अपने स्वयं के विकास पर भरोसा करने का रूढ़िवादी रास्ता नहीं अपनाया, बल्कि उस ने अपने हाथों में कोर तकनीक को मजबूती से पकड़ रखकर अपने उत्पादों को बेहतर बनाने के लिए विदेशों के साथ सहयोग किया।
डीजेआई ड्रोन में कई चिप्स आयात किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, कई ²ष्टि चिप्स, मुख्य नियंत्रण चिप्स और पावर चिप्स अमेरिका, दक्षिण कोरिया, यूनाइटेड किंगडम, जापान और स्विट्जरलैंड आदि से हैं। ये चिप्स उड़ान नियंत्रण और सेंसर प्रणाली आदि को नियंत्रित करते हैं। लेकिन डीजेआई की तकनीक का मुख्य हिस्सा एल्गोरिथम और हार्डवेयर है, जो सभी डीजेआई द्वारा ही विकसित किए गए हैं।
डीजेआई के पास कई पेटेंट प्रौद्योगिकियां हैं, और इसकी मुख्य तकनीकों में सॉफ्टवेयर और एल्गोरिदम, जिम्बल तंत्र, यांत्रिक संरचना, उड़ान सुरक्षा आश्वासन प्रणाली आदि शामिल हैं। अन्य चिप्स और सहायक उपकरण की आपूर्ति विदेशी आपूर्तिकर्ताओं को सौंपी जाती है। डीजेआई कंपनी व्यापक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से दुनिया में सभी उन्नत चीजों का उपयोग करना चाहती है।
यूएवी की कोर तकनीक उड़ान नियंत्रण प्रणाली है, जिसे पूरी तरह से डीजेआई द्वारा ही नियंत्रित किया जाता है। दुनिया में कोई अन्य ड्रोन कंपनी डीजेआई के पेटेंट और एल्गोरिदम को बायपास नहीं कर सकती है, और उनके उत्पादों को डीजेआई के पेटेंट द्वारा लाइसेंस प्राप्त होना पड़ता है। यह दुनिया के नागरिक ड्रोन बाजार में डीजेआई के प्रभुत्व का रहस्य है। यदि कोई चिप्स आपूर्ति के मामले में डीजेआई को अवरुद्ध करने का प्रयास करता है, तो डीजेआई अपने पेटेंट और प्रौद्योगिकियों के साथ वापस लड़ेगा। इस वजह से डीजेआई को अमेरिकी प्रतिबंधों का डर नहीं है। इसी समय, डीजेआई भी दुनिया में अपने समकक्षों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रहा है।
डीजेआई के अधिकांश मुख्य नियंत्रण चिप्स, जाइरोस्कोप, सैटेलाइट सिग्नल प्रोसेसिंग चिप्स, विजुअल प्रोसेसिंग चिप्स और कैमरे आयात किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, नेविगेशन सिस्टम में यूरोपीय यू-ब्लॉक्स कंपनी की चिप शामिल है। विजुअल प्रोसेसिंग सिस्टम अमेरिका के इंटेल के तहत कंपनी मोविडाइअस से आता है, जाइरोस्कोप अमेरिका में एफएसई और एडीआई से आता है, और कैमरा और लेंस जापान में सोफी से आते हैं।
डीजेआई की सफलता से यह निष्कर्ष निकला है कि उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के लिए, उच्च तकनीक का विकास करने के लिए उद्यमों को पूरी तरह से स्वतंत्र विकास का वातावरण प्रदान किया जाना चाहिए। और साथ ही स्वयं बंद का रास्ता नहीं अपनाया जाना चाहिए। आज की दुनिया में, कोई भी देश स्वतंत्र रूप से सभी हाई-टेक उद्योगों में महारत हासिल नहीं कर सकता है। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर भरोसा करना और अन्योन्याश्रितता के आधार पर उन्नत तकनीकों का विकास करना विश्व अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी की प्रगति को लाभ पहुंचा सकता है। प्रतिस्पर्धाओं को जीतने के लिए दूसरे देशों की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगतियों को रोकने का प्रयास हमेशा बेकार है। और अंत में केवल विपरीत प्रभाव प्राप्त किया जाएगा।
(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
--आईएएनएस
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