रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के 30वें दिन रूसी सेना ने कई यूक्रेनी शहरों पर बमबारी तेज कर दी है। खारकीव में दरम्यानी रात के बाद से बिना रुके लगातार गोलाबारी की गई। इस दौरान शहर में रह-रहकर धमाके गूंजते रहे और लोग दहल उठे। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इस बमबारी में कितने लोग हताहत हुए हैं लेकिन आशंका है कि आवासीय इलाके भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।
रूस की सेना को खारकीव पर अपने हमलों को और तेज करने का आदेश मॉस्को से मिला है। इसका बड़ा कारण यूक्रेन पर अब तक रूसी सेना का नियंत्रण नहीं हो पाना बताया जा रहा है। क्रेमलिन भी अपनी सेना की रणनीति को बदलकर और आक्रामक होने की दिशा में ले जा रहा है। इस स्थिति में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस द्वारा रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की आशंका जताई है।
लेकिन बाइडन के पोलैंड दौरे से ठीक पहले रूसी सेना ने खारकीव सबसे घातक हमले किए। इससे पहले उसने मैरियूपोल को तबाह किया था। खारकीव के पूर्वी इलाके में हुई इस बमबारी में रात भर धमाके हुए और आसमान में आग के गोले दिखाई देते रहे। एक स्थानीय नागरिक ने सीएनएन को फोन पर बताया कि शहर को पूरी तरह से मिटाने की तैयारी है। हमारे साथ करीब 100 लोग बंकर में हैं लेकिन सभी अपनी जान को लेकर अनिश्चय में हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने बेलारूसी राष्ट्रपति, उनके परिवार व 22 रूसियों पर लगाए प्रतिबंध
ऑस्ट्रेलिया ने शुक्रवार को बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको और उनके परिवार के सदस्यों के अलावा रूस टुडे, स्ट्रैटेजिक कल्चर सहित विभिन्न संगठनों के वरिष्ठ संपादकों व 22 रूसियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्रालय ने कहा कि बेलारूस की सरकार का यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर हमले में रूस और उसके सैन्य बलों को रणनीतिक सहायता प्रदान करना जारी है।
25 और रूसियों की संपत्ति जब्त करेगा जापान
जापान 25 और रूसी व्यक्तियों की संपत्ति जब्त करेगा। जापान के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि वह 81 रूसी संगठनों के निर्यात पर रोक भी लगाएगा। है.प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि रूस को सबसे पसंदीदा राष्ट्र व्यापार का दर्जा देने के लिए जापान कदम उठाएगा और इसे डिजिटल संपत्ति का उपयोग करके वित्तीय प्रतिबंधों से बचने से रोकेगा।
बुल्गारिया में हजारों लोग रूसी हमले के विरोध में सड़कों पर
बुल्गारिया की राजधानी सोफिया में हजारों लोग, यूक्रेन पर रूसी हमले का विरोध करने तथा यूक्रेन के नागरिकों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए सड़कों पर उतरे। यहां यूक्रेन के करीब 60,000 शरणार्थियों ने भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारी ' युद्ध बंद करो', 'पुतिन को रोको' और 'लोकतांत्रिक यूक्रेन की आजादी' के नारे लगा रहे थे। उनके हाथों में यूक्रेन और यूरोप के झंडे थे। इससे पहले यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने दुनियाभर के लोगों से, उनके देश में महीने भर से चल रही लड़ाई का विरोध करने का आह्वान किया था।
यूक्रेनी नागरिकों को बलपूर्वक रूस ले जाया जा रहा : यूक्रेन
यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि हजारों यूक्रेनी नागरिकों को बलपूर्वक रूस ले जाया जा रहा है, जहां उन्हें बंधक बनाकर यूक्रेन पर हथियार डालने का दबाव बनाया जा सकता है। यूक्रेन की लोकपाल ल्यूडमिला देनिसोवा ने कहा कि 84 हजार बच्चों समेत कुल 4,02,000 लोगों को उनकी मर्जी के खिलाफ यहां से ले जाया जा चुका है। रूस ने भी इतने लोगों को ले जाने की बात स्वीकार की है, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि वे रूस आना चाहते थे। यूक्रेनी विद्रोहियों के नियंत्रण वाले पूर्वी क्षेत्रों में रूसी भाषा बोलने वालों की अच्छी खासी तादाद है। और कई लोग रूस के साथ करीबी संबंधों का समर्थन करते हैं।
रूस पर लगे प्रतिबंधों पर ईयू देश एकमत लेकिन ऊर्जा क्षेत्र में पाबंदी पर मतभेद
यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने एक सम्मेलन में, यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस पर प्रतिबंध के मुद्दे पर एकजुटता दिखाई लेकिन ऊर्जा क्षेत्र के मुद्दे पर 27 देशों के नेताओं में सहमति नहीं बन पाई। यूक्रेन पर रूस के हमले के संबंध में यह शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया। इस दौरान बेल्जियम के प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर दे क्रू ने यहां तक कहा कि हम आपस में युद्ध नहीं लड़ रहे हैं।
युद्ध के प्रारंभ ईयू के सदस्य देशों ने रूसी अर्थव्यवस्था, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रूसी धनाढ्य वर्ग को लक्षित कर सख्त कदम उठाते हुए कई पाबंदियां लगाई थीं। अईयू ने अब तक रूस से प्राप्त होने वाले जीवाश्म ईंधन पर पाबंदी नहीं लगाई है जिससे पता चलता है कि सदस्य देशों के उद्योग रूस के तेल, प्राकृतिक गैस और कोयले के भंडार पर किस हद तक निर्भर हैं।
सम्मेलन में बेल्जियम के पीएम अलेक्जेंडर दे क्रू ने कहा, हमारी तुलना में रूसी पक्ष पर प्रतिबंधों का हमेशा बड़ा असर होना चाहिए। सम्मेलन में जर्मनी, ऑस्ट्रिया और नीदरलैंड्स जैसे देशों की भी ऐसी ही राय थी। ये देश उन देशों के खिलाफ जाते दिखे जो रूस की सीमा के निकट स्थित हैं तथा उस पर अब और कड़े प्रतिबंधों की मांग कर रहे हैं। बता दें, ईयू देश बिजली व घरेली कामों के लिए 90 फीसदी प्राकृतिकगैस आयात करते हैं जिनमें रूस का हिस्सा 40 फीसदी है।
फिनलैड, लातविया ने कहा- रूस पर सख्ती जरूरी
फिनलैंड की प्रधानमंत्री सन्ना मारिन ने कहा, जब तक हम रूस से ऊर्जा खरीद रहे हैं, तब तक हम इस युद्ध का वित्त पोषण कर रहे हैं और हमारे सामने यह बड़ी चुनौती है। बाल्टिक देशों के नेताओं ने भी मारिन का समर्थन किया। लातविया के प्रधानमंत्री क्रिसजनिस कारिंस ने संवाददाताओं से कहा, हमें रूस की अर्थव्यवस्था को अलग-थलग करना है ताकि युद्ध में धन के उपयोग को रोका जा सके। इसके लिए सख्ती जरूरी है।
जेलेंस्की की अपील, यूक्रेन को ईयू में जल्द शामिल करें
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने उनका साथ देने और रूस पर प्रतिबंध लगाने के लिए यूरोपीय संघ के नेताओं का शुक्रिया अदा करते हुए कहा है कि यूक्रेन को यूरोपीय संघ (ईयू) में जल्द शामिल करने की कोशिश करें। जेलेंस्की ने ब्रुसेल्स में ईयू की बैठक के दौरान कीव से वीडियो संदेश के जरिये यूक्रेन को संघ मं शामिल करने के आवेदन पर तेज कार्रवाई की अपील की। जेलेंस्की ने, इन कदमों को पहले न उठाए जाने पर अफसोस भी जताया और कहा कि ऐसा करने पर रूस आक्रमण करने से पहले दो बार सोचता।
उन्होंने कहा, मैं आपसे विलंब न करने का आवेदन करता हूं। हमारे लिए यही एक मौका है। उन्होंने जर्मनी और विशेष रूप से हंगरी से यूक्रेन की इस कोशिश को बाधित न करने की भी अपील की। जेलेंस्की ने हंगरी के राष्ट्रपति विक्टर ओरबान से कहा, क्या आपको पता है मैरियूपोल में क्या हो रहा है? मैं चाहता हूं कि आप फैसला करें कि आप किसके साथ हैं। जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन निश्चित रूप से एक निर्णायक क्षण में है और जर्मनी भी जरूर हमारे साथ आएगा।