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हांगकांग: राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत दोषी ठहराए गए पहले व्यक्ति को 9 साल जेल की सुनाई सजा

Admin4
30 July 2021 12:57 PM GMT
हांगकांग: राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत दोषी ठहराए गए पहले व्यक्ति को 9 साल जेल की सुनाई सजा
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हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत दोषी ठहराए गए पहले व्यक्ति को 9 साल जेल की सजा सुनाई गई है। 24 वर्षीय टोंग यिंग-किट पर पिछले साल हुए दंगों में शामिल होने के साथ, आतंकवादी गतिविधियों और अलगाव को उकसाने के आरोप लगाए गए थे।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- हांगकांग, रायटर्स: हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत दोषी ठहराए गए पहले व्यक्ति को 9 साल जेल की सजा सुनाई गई है। 24 वर्षीय टोंग यिंग-किट पर पिछले साल हुए दंगों में शामिल होने के साथ, आतंकवादी गतिविधियों और अलगाव को उकसाने के आरोप लगाए गए थे। टोंग के वकील क्लाइव ग्रॉसमैन ने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा कि, वो कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करेगा।

आतंकवादी गतिविधियों में दोषी करार
राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों की सुनवाई के लिए शहर के नेता कैरी लैम ने न्यायाधीश एस्तेर तोह, एंथिया पैंग और विल्सन चान को नियुक्त किया गया था। उन्होंने टोंग को अलगाव को उकसाने के लिए 6.5 साल और आतंकवादी गतिविधियों के लिए 8 साल की सजा सुनाई। इनमें से 2.5 साल लगातार चलेंगे, जिसके परिणामस्वरूप कुल 9 साल की सजा सुनाई गई है।
मानवाधिकार समूहों का विरोध
देश के मानवाधिकार समूहों ने टोंग की सजा की आलोचना करते हुए कहा है कि, यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है और कानूनी कार्यवाही के बाद पेश की गई मिसालें, हांगकांग की आम कानून परंपराओं के विपरीत हैं। अदालत की कार्यवाही के दौरान वहां सख्त सुरक्षा रखी गई थी। दर्जनों पुलिसकर्मी वहां लगातार लोगों की तलाशी ले रहे थे।
जमानत याचिका खारिज
टोंग को जमानत याचिका को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के एक प्रावधान के तहत खारिज कर दिया गया था। साथ ही उनसे कहा गया है कि, वो ये साबित करें की अगर उन्हें रिहा कर दिया जाता है, तो वो सुरक्षा के लिए खतरा नहीं होंगे। गुरुवार को सजा की सुनवाई में, ग्रॉसमैन ने यह कहते हुए नरमी बरतने का अनुरोध किया कि, कोई भी गलती बहुत ज्यादा हानिकारक नहीं थी। टोंग एक सभ्य युवक है जिसने अंजाने में कुछ बेवकूफी की है। हांगकांग और चीनी अधिकारियों ने बार-बार आश्वस्त कराया है कि, 1997 में चीनी शासन में वापस आने से पहले ब्रिटिश उपनिवेश द्वारा दिए गए सभी अधिकार पूरी तरह से बरकरार हैं, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा एक एक गंभीर मुद्दा है। सभी मामलों को कानून के अनुसार संभाला गया है।


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