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ऐतिहासिक फैसला- शादी के बाद महिला 5 साल तक किया घर का काम, पति को देना होगा इतने लाख हर्जाना

Apurva Srivastav
24 Feb 2021 6:05 PM GMT
ऐतिहासिक फैसला- शादी के बाद महिला 5 साल तक किया घर का काम, पति को देना होगा इतने लाख हर्जाना
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चीन की अदालत ने एक पति को 5 साल घर के काम करने के एवज में अपनी तलाकशुदा पत्नी को 5 लाख 61 हजार रुपये का हर्जाना देने का आदेश दिया है

चीन की अदालत ने एक पति को 5 साल घर के काम करने के एवज में अपनी तलाकशुदा पत्नी को 5 लाख 61 हजार रुपये का हर्जाना देने का आदेश दिया है। पत्नी का नाम वांग और पति का नाम चेन बताया जा रहा है। वांग ने पेइचिंग की कोर्ट को बताया कि शादी के पांच साल के दौरान वह बच्चे की देखभाल करती थी। इसके अलावा वह घर के कामों को भी किया करती थी। पत्नी ने यह भी दावा किया कि उसका पति ऑफिस जाने के सिवाए घर के किसी भी काम में उसकी सहायता नहीं किया करता था।

घर का पूरा काम करवाता था पति
4 फरवरी को कोर्ट में दर्ज करवाए गए बयान के अनुसार, पत्नी वांग ने अपने पति के खिलाफ घरेलू कार्य और बच्चे की देखभाल करने के लिए अतिरिक्त मुआवजे का दावा किया था। जिसके बाद अदालत ने अपने फैसले में कहा कि वांग के ऊपर उसके पति ने जरूरत से ज्यादा जिम्मेदारियों का बोझ डाल रखा था। जिसके लिए उसे एकमुश्त 50000 युआन (560879 रुपये) बच्चे की कस्टडी और हर महीने 2000 युआन (22435 रुपये) देने का आदेश सुनाया।
इसी साल चीन ने लागू किया है नया कानून
इसी साल लागू हुए चीन के नए कानून के अनुसार, तलाकशुदा को घर की जिम्मेदारियां संभालने और काम करने के एवज में एक बार मुआवजे का अनुरोध करने का अधिकार है। मीडिया में इस कानून के लागू होने की खबर सुनने के बाद वांग ने अपने पति के खिलाफ हर्जाने के लिए कोर्ट में अपील की थी। अपनी अपील में वांग ने 160000 युआन (1794813 रुपये) की मांग की थी। जिसके बाद से चीन में सोशल मीडिया पर महिलाओं के घर पर काम करने के मूल्य पर बहस छिड़ गई है।
चीनी सोशल मीडिया में भी छिड़ी हुई है बहस
चीन के सोशल मीडिया में बुधवार को हैशटैग #stayathome ट्रेंड कर रहा था। ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म वीबो पर 70 मिलियन से अधिक लोगों ने इस मामले पर ट्वीट किया है। बड़ी संख्या में लोग घर में काम करने वाली महिलाओं के पक्ष में सोशल मीडिया पर अपने विचारों को लिख रहे हैं। लोग घर में काम करने के एवज में 50000 युआन की मदद को नाकाफी बताते हुए अधिक आर्थिक सहायता देने की मांग कर रहे हैं।




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