यूरोपीय संघ (ईयू) ने नफरती भाषण, दुष्प्रचार और अन्य ऑनलाइन हानिकारक सामग्री से निपटने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते को शनिवार को सैद्धांतिक मंजूरी दी। इससे प्रौद्योगिकी कंपनियां खुद को नफरती भाषणों और दुष्प्रचार के प्रति सख्त होने के लिए मजबूर होंगी।
यह कदम उपयोगकर्ताओं (यूजरों) द्वारा समस्याओं को उठाना आसाना बनाएगा और नियामकों को गैर-अनुपालन पर करोड़ों डॉलर का जुर्माना लगाने के लिए सशक्त करेगा। ईयू के अधिकारियों ने डिजिटल सेवा अधिनियम (डीएसए) के अंतिम विवरण को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। यह ईयू के 27 सदस्य देशों के लिए डिजिटल नियम पुस्तिका को दुरुस्त करेगा।
साथ ही, यूरोप की प्रतिष्ठा भी बढ़ाएगा। यह कदम वैश्विक अगुवाई करने वाली सोशल मीडिया कंपनियों और फेसबुक, गूगल तथा अमेजन जैसे अन्य डिजिटल मंचों की ताकत पर नकेल कसने में भी सहायक सिद्ध होगा।
जवाबदेह बनेंगी प्रौद्योगिकी कंपनियां
यूरोपीय संघ आयोग के उपाध्यक्ष मार्गरेट वेस्टेगर ने कहा, इस समझौते के साथ हम सुनिश्चित करेंगे कि डिजिटल मंचों को उन जोखिमों के लिए जवाबदेह ठहराया जा सके जो समाज के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, नए नियम यूजरों और उनके मौलिक ऑनलाइन अधिकारों की रक्षा के लिए बनाए गए हैं। इससे उपयोगकर्ताओं की सामग्री को अपने मंच से जारी करने के लिए प्रौद्योगिकी कंपनियां अधिक जवाबदेह बनेंगी।