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सांसद ब्रैड शरमन ने यूएसएड प्रशासक सामंथा पावर के साथ कांग्रेस की सुनवाई के दौरान श्रीलंका में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों (Human Right Voilation) का मुद्दा भी उठाया.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- अमेरिका (America) के एक प्रभावशाली सांसद ने दावा किया है कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिंदुओं और ईसाइयों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के प्रशासन से क्षेत्र में अमेरिकी मदद सुनिश्चित करने को कहा है. सांसद ब्रैड शरमन ने यूएसएड प्रशासक सामंथा पावर के साथ कांग्रेस की सुनवाई के दौरान श्रीलंका में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों (Human Right Voilation) का मुद्दा भी उठाया.
सुनवाई के दौरान शरमन ने कहा कि श्रीलंका के गृह युद्ध ने देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्से को तबाह कर दिया है. मुझे आशा है कि पाकिस्तान के दक्षिण में स्थित सिंध में उन इलाकों तक हमलोग सहायता पहुंचाएंगे. उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि आप यह सुनिश्चित करेंगी कि क्षेत्र को अमेरिकी सहायता का उचित हिस्सा मिले, खासकर इसलिए क्योंकि वे हिंदू और ईसाई लड़कियों के गायब होने और उनके जबरन धर्म परिवर्तन से जूझ रहे हैं.' सामंथा पावर ने हालांकि शरमन द्वारा उठाए गए मुद्दे का सीधा जवाब नहीं दिया.
60 हिंदुओं का जबरन पढ़ाया 'कलमा'
कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के सिंध प्रांत के माल्टी क्षेत्र में कम से कम 60 हिंदुओं का जबरन इस्लाम में धर्म परिवर्तन कराया गया था. हिंदुओं को नगरपालिका अध्यक्ष की उपस्थिति में 'कलमा' पढ़ने को कहा गया. पाकिस्तान में हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक है और देश की 22 करोड़ की आबादी में इनकी संख्या 45 लाख है. हिंदुओं की पाकिस्तान की कुल आबादी में दो फीसदी की हिस्सेदारी है. अधिकतर हिंदू सिंध प्रांत में रहते हैं, जहां हाल के समय में इस तरह की घटनाओं में वृद्धि हुई है.
नगरपालिका अध्यक्ष अब्दुल रऊफ निजामनी ने कथित तौर पर सामूहिक धर्मांतरण प्रक्रिया में मदद की थी. एक फेसबुक पोस्ट में निजामनी (Abdul Rauf Nizamani) ने कहा था, 'अल्हम्दुलिल्लाह आज मेरी निगरानी में 60 लोग मुसलमान हुए हैं. इनके लिए दुआ करें.' निजामनी द्वारा फेसबुक पर शेयर किए गए एक वीडियो में देखा जा सकता है कि इस्लामिक मौलवी हिंदुओं के समूह को कलमा पढ़वा रहा है. साथ ही उनका धर्मांतरण सुनिश्चित कर रहा है.
पहले भी सिंध प्रांत में हो चुके हैं धर्मांतरण
एक अन्य वीडियो में मौलवी यह दावा करते हुए दिखाई दे रहा था कि यह उनकी पहली नमाज का पाठ था. मौलवी ने धर्मांतरित हुए नए लोगों से कहा, एक मुस्लिम व्यक्ति के जीवन का एकमात्र उद्देश्य अल्लाह को खुश करना है. तभी उसके जीवन का उद्देश्य पूरा होगा. जिन्हें अल्लाह ने मंजूरी दी है, केवल उन लोगों का जीवन ही आगे बढ़ेगा. पाकिस्तान के सिंध प्रांत में धर्मांतरण का ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इसे लेकर पाकिस्तान की आलोचना भी हो चुकी है.
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