![यहाँ 60 साल से अधिक आयु वाले बुजुर्गों के लिए टीकाकरण अनिवार्य, नहीं तो हर महीने देना होगा जुर्माना यहाँ 60 साल से अधिक आयु वाले बुजुर्गों के लिए टीकाकरण अनिवार्य, नहीं तो हर महीने देना होगा जुर्माना](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/01/19/1465791-boosterdoseofcoronavaccinewillbeavailableinindiafromtodayreadhereeveryinformationrel1641781845.webp)
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वरना वे वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के जरिए मिलने वाले लाभ नहीं उठा पाएंगे।
दुनियाभर के अधिकतर देशों में कोरोना वैक्सीन का कार्य तेजी से चल रहा है। इसी बीच जर्मनी की सरकार ने 60 साल से अधिक आयु वाले बुजुर्गों के लिए टीकाकरण अनिवार्य कर दिया है। इतना ही नहीं जर्मनी में टीका लेने से इनकार करने वाले बुजुर्गों को हर महीने जुर्माना देना होगा। सरकार का कहना है कि टीके को अनिवार्य करने से ऐसे समूहों का भी टीकाकरण हो सकेगा जो अब तक तमाम भ्रमों के चलते इसे नहीं लगवा रहे हैं।
दरअसल, रिपोर्ट्स के मुताबिक, जर्मन सरकार ने यह जुर्माना साठ साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए लगाया है। जनवरी महीने में टीकाकरण से इनकार करने वाले बुजुर्गों को 50 यूरो चुकाने होंगे, जबकि अगले महीने भी वे टीकाकरण से इनकार कर देते हैं तो उन पर 100 यूरो का जुर्माना लगाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री प्लेवरिस का कहना है कि साठ साल से अधिक आयुवर्ग वालों के लिए ही इस तरह के प्रतिबंध इसलिए लगाए जा रहे हैं क्योंकि इस उम्र वाले बुजुर्ग ही संक्रमण की सबसे ज्यादा चपेट में आ रहे हैं और यह सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा को प्रभावित करता है।
जुर्माने की रकम अस्पतालों को मिलेगी:
जर्मन स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि टीके से इनकार करने वाले बुजुर्गों से कर-कार्यालय जुर्माना बसूलेगा, जिसका इस्तेमाल सरकार के अस्पतालों को फंड देने में किया जाएगा। उधर 1.07 करोड़ आबादी वाले ग्रीस में भी दो-तिहाई लोगों को टीके की दोनों डोज लग चुकी हैं। मगर, यूरोपीय संघ के औसत टीकाकरण के मुकाबले यह कम है, इसे देखते हुए सरकार ने 60 से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए टीकाकरण अनिवार्य कर दिया है। कोरोना के ओमीक्रोन स्वरूप के फैलने के चलते जर्मनी में बहुत तेजी से संक्रमण फैला है, जिसकी वजह से मृत्युदर और अस्पताल में भर्ती होने की तादाद बढ़ गई है।
इसके अलावा टीके की दोनों डोज की अनिवार्यता के साथ ही जर्मनी की सरकार ने बूस्टर डोज लगवाना भी एक तरह से अनिवार्य कर दिया है। एक फरवरी से देश में कोरोना टीकाकरण के सर्टिफिकेट की मियाद सात महीने रह जाएगी। यानी दोनों डोज लगवाने का सर्टिफिकेट ले चुके लोगों को सात महीने बाद बूस्टर लेना होगा, वरना वे वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के जरिए मिलने वाले लाभ नहीं उठा पाएंगे।
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