विश्व

यहां पटरी के ऊपर नहीं बल्कि नीचे लटककर चलती है ट्रेनें

Subhi
14 July 2022 2:16 AM GMT
यहां पटरी के ऊपर नहीं बल्कि नीचे लटककर चलती है ट्रेनें
x
इस उल्टी ट्रेन को हैंगिंग ट्रेन कहा जाता है. ये ट्रेन भारत में नहीं है. हैंगिंग ट्रेनें जर्मनी में चलती हैं. ये ट्रेने पटरी के ऊपर नहीं, ​बल्कि उल्टी लटकती हुई अपना सफर तय करती हैं. इस ट्रेन का सफर बाकी ट्रेन से काफी अलग होता है.

इस उल्टी ट्रेन को हैंगिंग ट्रेन कहा जाता है. ये ट्रेन भारत में नहीं है. हैंगिंग ट्रेनें जर्मनी में चलती हैं. ये ट्रेने पटरी के ऊपर नहीं, ​बल्कि उल्टी लटकती हुई अपना सफर तय करती हैं. इस ट्रेन का सफर बाकी ट्रेन से काफी अलग होता है. लोगों को लगता है कि इस ट्रेन में लोग उल्टा लटककर सफर करते हैं, मगर ऐसा नहीं है.

आपको बता दें कि जर्मनी में Wuppertal Suspension Railway के अंतर्गत ये ट्रेनें चलाई जाती हैं. यह ट्रेन हर दिन 13.3 किलोमीटर का सफर करती है. इसके रास्ते में 20 स्टेशन पड़ते हैं. इस ट्रेन के बारे में ये न सोचें कि इसमें लोग उल्टे होकर सफर करते हैं. इसमें नॉर्मल ट्रेनों की तरह यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है. ये ट्रेन जमीन से 39 मीटर ऊंचाई पर चलती है.

जो भी इस हैंगिंग ट्रेन को देखता है, वो हैरान रह जाता है. बताया जाता है कि इस ट्रेन की शुरुआत करीब 121 साल पहले 1901 में हुई थी. कहा जाता है कि दुनिया की सबसे पुरानी मोनोरेल में इसकी गिनती होती है. अगर आप कभी जर्मनी जाते हैं, तो एक बार इस ट्रेन में सफर करना तो बनता ही है.

इस सस्पेंशन मोनोरेल की शुरुआत जर्मनी के वुपर्टाल शहर में हुई थी. नदी, रास्ते, झरने और दूसरी चीज़ों को क्रॉस करती हुई ये ट्रेन लटके-लटके ही सफर पूरा कराती है. पिछले 121 सालों से ये ट्रेन चल रही है. इस हैंगिंग ट्रेन में रोजाना 82 हजार लोग सफर करते हैं.


Next Story