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यहं घूमने के लिए दुनिया के हर कोने से लोग आते हैं.
नार्वे में रात 12 बजकर 43 मिनट पर सूरज छिपता है और महज 40 मिनट बाद दोबारा उग आता है. इसलिए इसे 'कंट्री ऑफ मिडनाइट सन' भी कहा जाता है. ये देश आर्किटिक सर्कल में आता है. इस वजह से मई से जुलाई के बीच करीब 76 दिनों तक यहां सूरज अस्त नहीं होता.
नॉर्थ नार्वे में सुरज नहीं उगता
उत्तरी नॉर्वे में सर्दियों के मौसम में सूरज कभी नहीं उगता है. जबकि, गर्मी के मौसम में इस क्षेत्र में सूरज कभी अस्त नहीं होता है. नार्वे का रोरोस शहर सबसे ठंडा इलाका माना जाता है. यहां का तापमान माइनस 50 डिग्री तक गिर जाता है.
सुंदर अहसास
नार्वे की खूबसूरती पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है. प्रकृति प्रेमियों के घूमने के लिए यह एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है. यहां की प्राकृतिक वादियां हर किसी का मन मोह लेती हैं.
बर्फबारी लगाती खूबसूरती में चार चांद
नार्वे सचमुच में धरती पर स्वर्ग है. यहां बर्फ से ढके पहाड़ और हरे-भरे ढलान पूरे साल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. यहां आपको ऐसे-ऐसे अद्भुत नजारे देखने को मिलते हैं, जो कहीं नहीं दिखेंगे. बर्फबारी के बाद शहरों का नजारा देखने लायक होता है.
खूबसूरत समुद्री नजारा
नार्वे में समुद्र का नजारा देखते ही बनता है. यहां के बीच से लेकर घरों से दिखने वाले सी व्यू मन में ताजगी भर देते हैं. यहां के खूबसूरत नीले पानी के किनारे बने घरों में रहना किसी स्वर्ग के एहसास से कम नहीं है.
बेपनाह खूबसूरत
नार्वे दुनिया के अमीर देशों में से एक है. यह देश जहां एक तरफ धनी है. वहीं, प्राकृतिक सुंदरता से भी सरोबार है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहं घूमने के लिए दुनिया के हर कोने से लोग आते हैं.
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