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एक-दूसरे को महिलाओं के अधिकार की महत्ता समझाई।'
दुनियाभर की महिलाएं आज भी कहीं न कहीं पुरुष प्रधान समाज में बराबरी की लड़ाई में संघर्षरत हैं। वह पितृसत्ता समाज में खुद के अस्तित्व के लिए जद्दोजहद कर रही हैं। हालांकि, धीरे-धीरे ही सही महिलाएं अब अपनी जिंदगी को अहमियत देना भी सीख रही हैं। इसी का जीता जागता उदाहरण हैं अफ्रीकी देश केन्या में स्थित एक छोटे से गांव उमोजा की महिलाएं। दरअसल, इस गांव की महिलाएं अब उस जमीन पर कानूनी रूप से हक पा सकेंगी, जिसे उन्होंने कई सालों की अपनी बचत और लोगों से मिली दान की रकम से खरीदा है।
दरअसल, केन्या में 5.49 करोड़ की आबादी रह रही है। इनमें पुरुष 49.9 प्रतिशत हैं तो वहीं, महिलाएं 50.1 फीसद हैं। महिलाओं का प्रतिशत अधिक होने के बावजूद यहां देश की 98 प्रतिशत जमीन पुरुषों के नाम है। वैसे तो केन्या का कानून हर नागरिक को संपत्ति रखने का बराबर अधिकार देता है, लेकिन परंपरागत रूप से वह सिर्फ पुरुषों के नाम कर दिया जाता है पर अब उमोजा गांव की महिलाओं की बदौलत यह परंपरा टूटने जा रही है।
केन्या के एक प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि इन महिलाओं में जमींदारी हासिल करने की पहल उनके जागरूक होने के कारण हुई। उन्होंने कहा, 'अगले माह 52 वर्षीय जेन उस खेत की मालकिन होंगी, जिस पर वह 30 सालों से खेती कर रही हैं।' वहीं, उमोजा की मिट्टी में तीन दशक से खेती कर रहीं 52 साल की जेन ने कहा, 'यह गांव ही हमारा सहारा रहा है। हमने अपनी जिंदगी सुधारने के लिए यहां मिलकर काम किया। एक-दूसरे को महिलाओं के अधिकार की महत्ता समझाई।'
Neha Dani
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