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इस देश को आलीशान जिंदगी और रहन-सहन के लिए जाना जाता है
हांगकांग (Hong Kong) अपनी आलीशान जिंदगी और रहन-सहन के लिए जाना जाता है. देश का पर्यटन (Tourism) क्षेत्र बेहद मजबूत है और अर्थव्यवस्था (Economy) तेजी से आगे बढ़ रही है. ऐसे में दूर से देखने पर हांगकांग एक अमीर देश और सुख सुविधाओं वाला देश मालूम पड़ता है लेकिन इस देश का एक वर्ग ऐसा भी है जो चकाचौंध से दूर गरीबी में जिंदगी गुजारने को मजबूर है. देश के गरीब लोगों किस तरह जिंदगी गुजारते हैं ये देख आप चौंक जाएंगे.
हांगकांग में गरीबों का घर किसी ताबूत की तरह जिसमें ये इंसान के बजाय किसी वस्तु की तरह रहते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में इन लोगों के रहन-सहन और घरों को लेकर जो खुलासे किए गए हैं वो ऊंची-ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों के जीवन से ठीक विपरीत है. इस गरीबी के पीछे हांगकांग की महंगे लाइफस्टाइल को जिम्मेदार माना जा रहा है, जिसका खर्चा उठाने में सभी नागरिक सक्षम नहीं हैं.
दो लाख लोग कॉफिन होम में रहने को मजबूर
हांगकांग दुनिया के सबसे महंगे देशों में से एक है. इस देश में सभी सुविधाएं मौजूद हैं लेकिन उसके लिए आपको जेब ढीली करनी पड़ती है. खासकर संपत्ति की कीमत इस देश में बहुत ज्यादा है, जिसकी वजह से यहां घर खरीदना हर किसी के लिए आसान नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक गरीबों के इन छोटे घरों को 'कॉफिन होम' कहा जाता है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कॉफिन होम में रहने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है. इन घरों में करीब 2,00,000 लोग रहते हैं जबकि देश की जनसंख्या 75 लाख है. हांगकांग में अपना घर खरीदना तो दूर, यहां किराए का घर भी बेहद महंगा है. देश के गरीब सड़कों पर गुजारा नहीं कर सकते क्योंकि प्रशासन इन्हें इसकी इजाजत नहीं देता, जिसकी वजह से ये लोग कॉफिन होम में रहने को मजबूर हैं.
बीमारियों का शिकार होते हैं लोग
हांगकांग बड़ी संख्या में कॉफिन होम्स को दुनिया से छिपाने का प्रयास करता है क्योंकि माना जाता है कि ये हांगकांग की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं. हालांकि दुनिया इन कॉफिन होम की सच्चाई अच्छी तरह से जानती है. 6 फुट के कमरे जितने इस घर में ही किचन और वॉशरूम दोनों हैं. इसके अलावा बिस्तर और किचन के सामान सहित सभी जरूरत की चीजें लोगों को इसी घर में रखनी पड़ती है.
इसमें सोने वाले लोग न ही करवट बदल पाते हैं और न ही पैर फैला पाते हैं. ये घर सिर्फ एक व्यक्ति के रहने के उद्देश्य से बनाए जाते हैं. लोग इन घरों में सिर्फ इसलिए रहने के लिए मजबूर हैं क्योंकि उनके सिर पर छत है. छोटे से घर में किचन और बाथरूम दोनों होने के चलते लोग बीमारी का शिकार होते हैं. इन सब के बावजूद लोगों को इन घरों में रहने के लिए 250 अमेरिकी डॉलर किराए के रूप में देने पड़ते हैं.
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