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हेलफायर मिसाइल: अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट पर एयरस्ट्राइक के लिए किया था इस्तेमाल, निकलते हैं चाकू जैसे ब्लेड्स

HARRY
30 Aug 2021 3:09 PM GMT
हेलफायर मिसाइल: अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट पर एयरस्ट्राइक के लिए किया था इस्तेमाल, निकलते हैं चाकू जैसे ब्लेड्स
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काबुल एयरपोर्ट पर हुए बम धमाकों का बदला लेते हुए और संभावित खतरे को खत्म करते हुए अमेरिका ने अफगानिस्तान में एयरस्ट्राइक की हैं. इस एयरस्ट्राइक में आईएसआईएस-खुरासान के आतंकियों को ढेर किया गया. खास बात यह रही है कि अमेरिका ने खास किस्म की मिसाइल के जरिए से एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया है. अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान पर मानवरहित हवाई हमले में हेलफायर मिसाइल का इस्तेमाल किया, जिसे काफी घातक और टारगेट को सटीक निशाना बनाने के लिए पहचाना जाता है. एयरस्ट्राइक के दौरान हेलफायर मिसाइल ब्लास्ट नहीं करती है, बल्कि उसमें से चाकू जैसे ब्लेड्स निकलते हैं जोकि आतंकियों या फिर जिसको भी टारगेट किया गया है, उसके लिए प्राणघातक साबित होते हैं. खास किस्म की यह मिसाइल हमला करने के दौरान नागरिकों को भी ज्यादा चोट नहीं पहुंचाती है.

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी ड्रोन के जरिए से किए गए हमले में हेलफायर मिसाइल का ही इस्तेमाल किया गया था. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, मिसाइल के आर9एक्स वैरिएंट को एमक्यू 9 रीपर ड्रोन के जरिए से दागा गया था. MQ9 रीपर जिसे प्रीडेटर ड्रोन भी कहा जाता है, अपने इनबिल्ट सेंसर और रडार का इस्तेमाल करके लक्ष्य का पता लगा सकता है. इसमें 27 घंटे से अधिक की उड़ान भरने की क्षमता होती है और 6000 नॉटिकल मील की सीमा और 50,000 फीट तक की उड़ान क्षमता के साथ लगभग 1700 किलोग्राम तक का लोड ले जा सकता है. इतना ही नहीं, यह हेलफायर मिसाइल और लेजर गाइडेड बॉम्ब्स को भी ले जा सकते हैं.

अमेरिका ने इन ड्रोन्स का इस्तेमाल अफगानिस्तान के अलावा युद्धग्रस्त क्षेत्र इराक और सीरिया में भी किया है. जून 2020 में उत्तर पश्चिमी सीरिया में हुर्रस अल-दीन के लीडर्स कासम अल-उर्दुनी और बिलाल अल-सनानी को मारने के लिए अमेरिका ने R9X का इस्तेमाल किया था. इसके अलावा, जनवरी 2019 में अफगानिस्तान में तालिबान कमांडर मोहबुल्ला को भी निशाना बनाया जा चुका है.

काबुल एयरपोर्ट धमाके का लिया था बदला

पिछले हफ्ते गुरुवार को राजधानी काबुल के एयरपोर्ट के पास हुए बम धमाकों के बाद अमेरिका ने आईएसआईएस-के से बदला लिया था. राष्ट्रपति जो बाइडन ने जल्द से जल्द एक्शन लेने की ओर इशारा किया, जिसके महज 48 घंटों के भीतर ही अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत में एयरस्ट्राइक कर आईएसआईएस-के के दो आतंकियों को ढेर कर दिया था. अमेरिकी सेना ने इसी एयरस्ट्राइक में हेलफायर मिसाइल का इस्तेमाल किया.

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