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टोक्यो। जापान अब तक के सबसे खराब बर्ड फ्लू के प्रकोप से जूझ रहा है। बर्ड फ्लू के प्रकोप ने इसके पोल्ट्री फार्म को प्रभावित किया है, जिससे अंडे का प्राइस आसमान छू रहा है। मृत मुर्गियों को दफनाने के लिए अब पर्याप्त जगह नहीं बची है। जापान में इस साल 1।7 करोड़ से ज्यादा पक्षियों की मौत हो चुकी है। जापान से आस रही खबरों के मुताबिक, स्थानीय प्रशासन और किसानों का कहना है कि उन्हें दफनाने के लिए पर्याप्त जमीन की कमी है। जापान में अब वायरस को फैलने से रोकने के लिए उचित रूप से नया तरीका ढूंढ़ने की जरूरत पड़ गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जापान को इस बात पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है कि वे बर्ड फ्लू से कैसे निपटें, खासकर जब वायरस से होने वाली रिकॉर्ड-तोड़ मौतें दुनिया भर में हो रही हैं। बर्ड फ्लू की चपेट में केवल जापान ही नहीं बल्कि अन्य देश भी हैं। इसका अधिकांश प्रकोप यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका और एशिया में है। दक्षिण अमेरिका में अब इससे बीमारियां फैल रही है। जापान में अब मीट और अंडे खरीदना हानिकारक है। इससे मुद्रास्फीति की आशंका भी अधिक हो गई है।
किसान और अधिकारी आमतौर पर बर्ड फ्लू के प्रकोप के दौरान उत्पन्न होने वाले कचरे, जैसे शव, खाद और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण के प्रबंधन के लिए पूर्व-घटना रणनीति तैयार करते हैं। मुर्गियों को दफनाने की सुविधा भी कम हो गई है। कुछ इलाकों में अब मृत मुर्गियों को जलाया जाने लगा है।
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Rani Sahu
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