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27 साल बाद यूएई में आई भीषण बाढ़, अब तक सात लोगों की मौत

Renuka Sahu
30 July 2022 5:41 AM GMT
Heavy floods hit UAE after 27 years, so far seven people died
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फाइल फोटो 

संयुक्त अरब अमीरात 27 साल के बाद भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) 27 साल के बाद भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि हाल ही में यूएई में अचानक आई बाढ़ से कम से कम सात लोगों की मौत हुई है। मंत्रालय के बयान के मुताबिक, मरने वाले लोगों में ज्यादातर एशियाई देशों के हैं। मंत्रालय ने ट्विटर पर वीडियो बयान जारी कर कहा कि अचानक बाढ़ के बाद लापता हुए लोगों की तलाश की जा रही है।

27 साल बाद आई सबसे भीषण बाढ़
दरअसल, यूएई में बारिश की वजह से आई बाढ़ के कारण घरों को नुकसान पहुंचने और गाड़ियों के बहने की भी खबरें सामने हैं। बताया जा रहा है कि इस बाढ़ के कारण कई जगहों पर सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। साथ ही सेना के वाहनों को भी नुकसान पहुंचने की खबर है। सूत्रों ने बताया यह बाढ़ पिछले 27 सालों में सबसे भीषण है। जगह-जगह बाढ़ से कारें व अन्य वाहन बह गए हैं।
पोर्ट सिटी फुजैरा में दर्ज की गई 255 मिमी रिकार्ड बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, पोर्ट सिटी फुजैरा में सबसे ज्यादा 255 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। जो अब तक जुलाई माह में सबसे अधिक है। रास अल खेमा के पुलिस प्रमुख मेजर जनरल अब्दुल्ला बिन अलवान अल नुयैमी ने बताया कि बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए पुलिस की 70 से अधिक गाडि़यां सड़कों और बस्तियों में गश्त करती रहीं। नेशनल टीवी पर नुयैमी ने बताया कि पहाड़ों और वादियों में बाढ़ में फंसे वाहनों से पुलिस ने करीब 200 लोगों को बचाया है। जरूरतमंद लोगों को दवाएं और खाना-पानी भी उपलब्ध कराया गया है।
पाकिस्तान व भारत से आए बादलों के कारण बनी बाढ़ की स्थिति
इस बीच राष्ट्रीय मौसम केंद्र की ओर के वैज्ञानिक डा अहमद हबीब ने बताया कि निम्न दबाव की स्थिति बनने से पाकिस्तान और भारत की ओर से आए बादलों के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हुई है। यूएई के पूर्वी भाग में 25 और 26 जुलाई को निम्न दबाव की स्थिति बनी थी।
ईरान में बाढ़ से 53 मरे
उधर ईरान में भारी बारिश से बाढ़ आ गई है। इसके चलते कम से 53 लोगों की जान चली गई और दर्जनों लोग लापता बताए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन की ओर से बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है। यहां भी बाढ़ का कारण निम्न दबाव का क्षेत्र बनना बताया जा रहा है।
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