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इस्लामाबाद हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई, पत्रकारों ने की इंटरनेट मीडिया कानून 2020 हटने की मांग

Neha Dani
18 Dec 2020 4:10 AM GMT
इस्लामाबाद हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई, पत्रकारों ने की इंटरनेट मीडिया कानून 2020 हटने की मांग
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पाकिस्तान के फेडरल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट से इंटरनेट मीडिया कानून 2020 को खत्म करने का अनुरोध किया है।

पाकिस्तान के फेडरल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट से इंटरनेट मीडिया कानून 2020 को खत्म करने का अनुरोध किया है। मामले में आज सुनवाई होनी है। पाकिस्तान के सूचना तकनीक मंत्रालय (PTA) द्वारा बनाया गया रिमूवल एंड ब्लॉकिंग ऑफ अनलाफुल ऑनलाइन कंटेंट रूल्स 2020 को 19 नवंबर को लागू किया गया था।समा टीवी के अनुसार, पत्रकारों के संघ ने कहा है कि नियमों को तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि वे संविधान के तहत मिले मौलिक अधिकारों का हनन करते हैं।

याचिका में उन धाराओं का उल्लेख किया गया है, जो पीटीए को ऐसी सामग्री को ऑनलाइन ब्लॉक करने की अनुमति देती हैं जो 'इस्लाम', पाकिस्तान के हित, सुरक्षा और रक्षा के खिलाफ है। यह भी कहा गया कि इसे लेकर अनुच्छेद 19 पहले से ही है। सुप्रीम कोर्ट को कानून की व्याख्या करने का अधिकार है, न कि पीटीए को।
बता दें कि इन नए कानून के बनाए जाने के बाद गूगल, फेसबुक और ट्विटर जैसी दिग्गज कंपनियों ने देश छोड़ने की धमकी दे चुकी हैं। इन कंपनियों प्रतिनिघित्व करने वाले इंटरनेट मीडिया संगठन एशिया इंटरनेट कोलिशन (एआइसी) ने इस नियम को अपारदर्शी बताया था। इस नियम पर संगठन ने कहा था कि इन कठरोर नियमों के तहत सरकार द्वारा अपेक्षित जानकारी और डाटा दिया जाना संभव नहीं है। यह लोगों की स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचाएगा। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान में इन कंपनियों की सेवाएं उपलब्ध कराना संभव नहीं होगा
क्या है कानून
गौरतलब है कि पाकिस्तानी सरकार ने हाल ही में रिमूवल एंड ब्लॉकिंग ऑफ अन-लॉफुल कंटेंट (प्रोसीजर, ओवरसाइट एड सेफगार्ड) रूल्स 2020 बनाया है। इस नियम के तहत सरकारी एजेंसियों और अधिकारियों को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं। नए नियम के तहत इंटरनेट मीडिया कंपनी को सरकारी एजेंसियों और अधिकारियों को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं। नए नियमों के तहत इंटरनेट मीडिया कंपनी को सरकार द्वारा बनाई गई विशेष एजेंसी को किसी भी सूचना या डाटा को डी- क्रिप्टेड और पठनीय फॉर्मेट में उपलब्ध कराना आवश्यक कर दिया गया है।


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