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उपस्थित होकर नीरव की ओर से दिए जाने वाले तर्को का विरोध किया जाएगा।
ब्रिटेन की कोर्ट 14 दिसंबर को भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर अपील को सुनेगी। नीरव पर पंजाब नेशनल बैंक से करीब 14 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने और धनराशि को अवैध रूप से अन्य देश भेजने का आरोप है।
धोखाधड़ी के बाद 50 वर्षीय हीरा कारोबारी भारत से फरार हो गया था। मार्च 2019 में उसे ब्रिटेन में गिरफ्तार कर लिया गया था, तभी से वह लंदन वैंड्सवर्थ जेल में है। भारतीय एजेंसियों की ओर से दायर याचिका पर लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने नीरव को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ नीरव को मानसिक स्वास्थ्य और मानवाधिकारों के आधार पर अपील दायर करने की अनुमति मिली है। नीरव के वकीलों ने अपने मुवक्किल के अवसादग्रस्त होने और उसके आत्महत्या करने का खतरा होने की बात कही थी। नीरव मोदी के वकीलों के तर्को को सुनने के बाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश मार्टिन चैंबरलेन ने नौ अगस्त को अपील दायर करने की अनुमति दी थी।
हाईकोर्ट के अधिकारी ने बताया है कि अपील याचिका पर 14 दिसंबर को सिर्फ एक दिन ही सुनवाई होगी। उसके बाद फैसला सुना दिया जाएगा। भारत सरकार की ओर से मामले की पैरवी कर रहे ब्रिटेन के क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने कहा है कि सुनवाई के दौरान उपस्थित होकर नीरव की ओर से दिए जाने वाले तर्को का विरोध किया जाएगा।
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