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इंसानी शिकार को मारकर बेक करती थी केक
नरभक्षियों (Cannibal's Stories) की खासियत ये होती है कि उनके आस-पास के लोगों को ये बिल्कुल खबर ही नहीं होती है कि वे कितने खतरनाक शख्स के साथ रह रहे हैं. एक ऐसी ही खतरनाक किस्म की महिला (Woman Serial Killer) के पड़ोसी उसके हाथों का बना केक (cannibal woman baked her victim into cake) खाते रहे और उन्हें खबर भी नहीं हुई कि वे किस डरावने अपराध के भागी बन गए हैं.
इस महिला का नाम था लिनार्डा सियानसिलु (Leonarda Ciancillu), जिसे इंसानों को मारने का शौक था. अपने इस घिनौने अपराध के लिए वो अक्सर उन महिलाओं को निशाना बनाती, जो अपनी ज़िंदगी में परेशान रहती थीं. इटली पहली महिला सीरियल (Italy's First Serial Killer) किलर ने साबित कर दिया कि अपराधी का कोई जेंडर नहीं होता बल्कि क्रूरता उसके दिमाग में भरी होती है. 3 खतरनाक हत्याओं को अंजाम देने के बाद ये महिला शवों के साथ क्या करती थी, वो जानकर आप दहल जाएंगे.
शिकार को मारकर बेक करती थी केक
Daily Star की रिपोर्ट के मुताबिक लिनार्डा का केस "The Soap-Maker of Correggio" के नाम से मशहूर हुआ. इस खतरनाक महिला का पहले शिकार फॉत्सिना सेट्टी नाम की महिला बनी. साल 1939 में लिनार्डा उसे अपने घर पर बुलाया और एक अच्छा पति दिलाने का वादा किया. उससे चिट्ठियां लिखवाईं कि वो किसी लड़के से मिलने देश से बाहर गई है फिर खुद उसे कुल्हाड़ी से मार डाला और शरीर के 9 टुकड़े किए. इन टुकड़ों को लिनार्डा ने कास्टिक सोडा के साथ साबुन बनाने के लिए उबाला, जबकि खून को एक कटोरे में इकट्ठा कर ओवन में सुखा लिया. सूखने के बाद इसे आटा, चीनी, चॉकलेट, अंडे और दूध के साथ मिलाकर इसके कुरकरे टी केक्स बनाए. ये केक वो अपने घर आने वाले पड़ोसियों को खिलाया करती थी.
3 महिलाओं को मारकर खा लिया
लिनार्डा ने अपना दूसरा शिकार 1940 में फ्रांसेस्का सोएवी नाम की महिला को बनाया. उसे लिनार्डा ने नौकरी के नाम पर फंसाया था. पिछले शिकार की ही तरह उसने महिला को मारकर उसका केक बना दिया और सारे पैसे चुरा लिए. इसी साल लिनार्डा ने एक और महिला को नौकरी के नाम पर फंसाया और घर बुलाकर उसे मार दिया. उसका भी केक और साबुन बनाकर पड़ोसियों को बांट दिया लेकिन इस बार लिनार्डा की चोरी पकड़ ली गई. जिस महिला को उसने मारा था, उसके परिवार को चिट्ठियों का यकीन नहीं हुआ और नरभक्षी लिनार्डा पुलिस के हत्थे चढ़ गई. उसने अपना जुर्म भी कुबूल किया और उसे 30 साल जेल की सज़ा मिली. अक्टूबर 1970 में वो 79 साल की उम्र में क्रिमिनल असाइलम में ही मर गई.
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