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जापान का Hayabusa 2 कैप्सूल धरती के करीबी ऐस्टरॉइड Ryugu से सैंपल लेकर लौट चुका है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| जापान का Hayabusa 2 कैप्सूल धरती के करीबी ऐस्टरॉइड Ryugu से सैंपल लेकर लौट चुका है। इसे ऑस्ट्रेलिया में सफल लैंडिंग के बाद खोज लिया गया। जापान की स्पेस एजेंसी JAXA ने इसकी जानकारी ट्विटर पर दी है। एजेंसी के मुताबिक, 'हमें कैप्सूल मिल गया है। पैराशूट के साथ।' इसके बाद बताया गया कि धरती के वायुमंडल में एंट्री के दौरान इसके छोटे वीडियो लिए गए।
'परफेक्ट मिशन'
Hayabusa 2 मिशन के मुताबिक कैप्सूल को रविवार दोपहर जापान में पाया गया। हेलिकॉप्टर से ढूंढने के बाद इसे खोज लिया गया। मिशन ने यह भी बताया कि हेलिकॉप्टर स्थानीय हेडक्वॉर्टर पर पहुंच गया और इमारत के अंदर कैप्सूल को लाया गया। मिशन ने ट्विटर पर ऑपरेशन को परफेक्ट बताया।
दो साल पहले लिए सैंपल
We observed the capsule re-entry from around Coober Pedy, with the assistance of Curtin Observatory. The observation was successful & here is our image!https://t.co/KTdV0G9moU
— HAYABUSA2@JAXA (@haya2e_jaxa) December 6, 2020
Credit: Curtin University, Kouchi University of Technology, Nihon University, Ibaraki University, JAXA pic.twitter.com/qTFW8I8UD9
इसके बाद साइंस ऑब्जर्वेशन ऑपरेशन किए जाएंगे और धरती और चांद को साइंटिफिक इंस्ट्रुमेंट्स की मदद से ऑब्जर्व किया जाएगा। जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी का Hayabusa 2 मिशन दिसंबर 2014 में लॉन्च किया गया था। यह 2018 में Ryugu पर पहुंचा और 2019 में सैंपल इकट्ठा किए गए जिनमें से कुछ सतह के नीचे थे।
खोज लिया गया ऐस्टरॉइड से आया कैप्सूल
पहली बार खोजे अंदर के राज
Hayabusa 2 प्रोब ने सफलता से सैंपल के साथ कैप्सूल को रिलीज कर दिया। इसके बाद वह धरती की ओर से निकला। Hayabusa 2 कैप्सूल पहली बार किसी ऐस्टरॉइड के अंदरूनी हिस्से से चट्टानी सैंपल लेने वाला मिशन बना है। ऐसा दूसरी बार है कि किसी ऐस्टरॉइड से अनछुए मटीरियल को धरती पर वापस लाया जा रहा है।
क्या बताएंगे ये सैंपल?
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि सैंपल्स की मदद से धरती पर जीवन की उत्पत्ति से जुड़े जवाब मिल सकेंगे। जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के वैज्ञानिकों का मानना है कि सैंपल, खासकर ऐस्टरॉइड की सतह से लिए गए सैंपल में मूल्यवान डेटा मिल सकता है। यहां स्पेस रेडिएशन और दूसरे फैक्टर्स का असर नहीं होता है। माकोटो योशिकावा के प्रॉजेक्ट मैनेजर ने बताया है कि वैज्ञानिकों को Ryugu की मिट्टी में ऑर्गैनिक मटीरियल का अनैलेसिस करना है।
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