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चीन के थाउजेंट टैलेंट प्लान से जुड़ने का दोषी पाया गया हार्वर्ड का प्रोफेसर, जानिए पूरा मामला

Neha Dani
22 Dec 2021 5:13 AM GMT
चीन के थाउजेंट टैलेंट प्लान से जुड़ने का दोषी पाया गया हार्वर्ड का प्रोफेसर, जानिए पूरा मामला
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अनुदान में मिलने वाले 1.5 मिलियन डॉलर से अधिक की रकम शामिल है.

हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर को चीन संचालित भर्ती कार्यक्रम से जुड़े होने की बात छिपाने का दोषी पाया गया है. हार्वर्ड के रसायन विज्ञान एवं रासायनिक जीव विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष, 62 वर्षीय चार्ल्स लिबर (Charles Lieber) ने झूठे कर रिटर्न दाखिल करने के दो आरोप, झूठे बयान देने के दो आरोप में दोषी नहीं होने की बात कही थी. बोस्टन की संघीय अदालत में पांच दिनों तक चली सुनवाई के बाद, ज्यूरी ने फैसला सुनाने से पहले लगभग दो घंटे 45 मिनट तक विचार-विमर्श किया.

लिबर के वकील मार्क मुकासी ने तर्क दिया था कि अभियोजकों के पास आरोप साबित करने के सबूत नहीं थे. जांचकर्ताओं ने लिबर की गिरफ्तारी से पहले उनके साथ हुई पूछताछ का भी कोई ब्योरा नहीं रखा. उन्होंने तर्क दिया कि अभियोजक यह साबित नहीं कर पाएंगे कि लिबर ने 'जानबूझकर, इरादतन या मर्जी से ऐसा काम किया या उन्होंने कोई भी गलत बयान दिया.' वहीं, अभियोजकों ने तर्क दिया कि लिबर ने जानबूझकर चीन की 'थाउजेंट टैलेंट प्लान' योजना (Thousand Talent Plan News) से खुद के जुड़े होने की बात को छिपाया.
चीन को इससे क्या फायदा मिलता है?
इस कार्यक्रम को विदेशी प्रौद्योगिकी एवं बौद्धिक संपदा का ज्ञान रखने वाले लोगों को चीन में भर्ती करने के लिए तैयार किया गया है. लिबर को इस मामले में जनवरी 2020 में गिरफ्तार किया गया था (Benefits of Thousand Talent Plan). गिरफ्तारी के बाद से ही वह हार्वर्ड से सवैतनिक प्रशासनिक अवकाश पर हैं. हालांकि यह इस तरह का ऐसा पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी अमेरिका में चीन से जुडे़ होने को लेकर कई गिरफ्तारियां की गई हैं. इनमें से अधिकतर मामलों में नामी यूनिवर्सिटी या किसी अन्य संस्थान से जुडे़ व्यक्तियों के नाम सामने आए हैं.
चीन से आने वाला पैसा छिपाया
अभियोजकों ने कहा कि लिबर ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान सहित अमेरिकी अधिकारियों से पूछताछ के दौरान अपनी संलिप्तता से इनकार किया है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान ने उन्हें रिसर्च फंडिंग में लाखों डॉलर दिए थे. अभियोजकों के अनुसार, लिबर ने चीनी कार्यक्रम से मिलने वाली आय को छिपाया है. जिसमें वुहान यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (Wuhan University of Technology) से हर माह 50,000 डॉलर, अन्य खर्चे के लिए मिलने वाले 158,000 डॉलर और अनुदान में मिलने वाले 1.5 मिलियन डॉलर से अधिक की रकम शामिल है.

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