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हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख मौलवी की हत्या, नकली पैर में विस्फोटक छिपाकर लाया था आत्मघाती हमलावर

Subhi
12 Aug 2022 12:39 AM GMT
हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख मौलवी की हत्या, नकली पैर में विस्फोटक छिपाकर लाया था आत्मघाती हमलावर
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अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए आत्मघाती विस्फोट में हक्कानी नेटवर्क के एक प्रमुख मौलवी की मौत हो गई है. शेख रहीमुल्ला हक्कानी को देश की सबसे प्रभावशाली धार्मिक शख्सियतों में से एक माना जाता था.

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए आत्मघाती विस्फोट में हक्कानी नेटवर्क के एक प्रमुख मौलवी की मौत हो गई है. शेख रहीमुल्ला हक्कानी (Sheikh Rahimullah Haqqani) को देश की सबसे प्रभावशाली धार्मिक शख्सियतों में से एक माना जाता था. रहीमुल्ला हक्कानी अक्टूबर 2020 में पाकिस्तान (Pakistan) के पेशावर में हुए एक बम धमाके में बाल-बाल बच गया था, जिसकी जिम्मेदारी तब इस्लामिक स्टेट ने ली थी. काबुल में एक आत्मघाती हमलावर ने कथित तौर पर उस स्टडी रूम में खुद को उड़ा लिया, जहां रहिमुल्ला हक्कानी पढ़ रहा था.

नकली पैर में छिपाया था विस्फोटक

काबुल स्थित यह स्टडी रूम एक धार्मिक केंद्र के तौर पर पहचाना जाता था. अधिकारियों ने बताया कि मौलाना की पहचान रहीमुल्ला हक्कानी के तौर पर हुई है जो पाकिस्तान के दारूल उलूम हक्कानिया से पढ़ा था. यह एक इस्लामी यूनिवर्सिटी है जिसका अरसे से तालिबान के साथ कनेक्शन रहा है. तालिबान के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने हक्कानी की मौत की पुष्टि की और उन्हें एक महान व्यक्तित्व और बड़ा विद्वान बताया है. करीमी ने कहा कि दुश्मन के क्रूर हमले में हक्कानी की मौत हुई है.

तालिबान के चार सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि हमलावर का एक पैर नहीं था और वह अपने कृत्रिम पैर में विस्फोटकों को प्लास्टिक के भीतर छिपा कर लाया था. तालिबान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि यह शख्स कौन था और उसे हक्कानी के प्राइवेस ऑफिस में घुसने के लिए इस अहम जगह पर कौन लेकर आया था. यह अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान है.'

ISIS ने ली हमले की जिम्मेदारी

इस्लामिक स्टेट ने हक्कानी की मौत की जिम्मेदारी ली है. टेलीग्राम पर आतंकी गुट के चैनल के मुताबिक, आईएस ने गुरुवार को काबुल के एक मदरसे पर हुए इस हमले की जिम्मेदारी ली, जिसमें प्रमुख तालिबान मौलवी की मौत हो गई थी. इस्लामिक स्टेट से लिंक रखने वाला स्थानीय संगठन लगातार नागरिकों को तब से निशाना बना रहा है जब से तालिबान ने पिछले साल अगस्त में देश की सत्ता पर कब्जा किया था.


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