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बेवजह 43 साल जेल में गुजारने पड़े, कोर्ट ने पलटा अपना गलत फैसला, लोगों ने जुटाया 11 करोड़ का चंदा

Tulsi Rao
28 Nov 2021 6:31 PM GMT
बेवजह 43 साल जेल में गुजारने पड़े, कोर्ट ने पलटा अपना गलत फैसला, लोगों ने जुटाया 11 करोड़ का चंदा
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मिसौरी की अपीलीय अदालत के जज ने मंगलवार को केविन स्ट्रिकलैंड की रिहाई का आदेश दिया था, जिसमें पाया गया कि स्ट्रिकलैंड को दोषी ठहराने के लिए इस्तेमाल किए गए सबूतों को नकार दिया गया.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कंसास सिटी (अमेरिका): तिहरे हत्याकांड में दोषी ठहराए गए और 43 साल जेल में बिताने वाले एक शख्स के लिए 14.5 लाख से ज्यादा डॉलर यानी करीब 11 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं. दरअसल व्यक्ति को गलत तरीके से दोषी ठहराया गया था और हाल ही में जज ने उसकी सजा को पलट दिया. इसके बाद लोगों ने चंदा इकट्ठा करने के लिए अभियान चलाया.

चंदा इकट्ठा करने के लिए चला अभियान
केविन स्ट्रिकलैंड की रिहाई के लिए 'मिडवेस्ट इनोसेंस प्रोजेक्ट' ने अभियान चलाया और चंदा इकट्ठा करने के लिए गोफंडमी की स्थापना की ताकि मिसौरी से मुआवजा नहीं मिलने की स्थिति में उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करने में मदद मिल सके. राज्य गलत फैसले की वजह से कारावास की सजा भुगतने वाले केवल उन्हीं लोगों को भुगतान की अनुमति देता है जिन्हें डीएनए साक्ष्य के माध्यम से दोषमुक्त किया गया हो, इसलिए 62 वर्षीय स्ट्रिकलैंड इसके योग्य नहीं होंगे.
1978 का है केस
मिसौरी की अपीलीय अदालत के जज ने मंगलवार को उनकी रिहाई का आदेश दिया था, जिसमें पाया गया कि स्ट्रिकलैंड को दोषी ठहराने के लिए इस्तेमाल किए गए सबूतों को नकार दिया गया. स्ट्रिकलैंड की मदद के लिए शनिवार शाम तक 14.5 लाख अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का चंदा जुट गया. स्ट्रिकलैंड ने हमेशा कहा कि वह घर पर टीवी देख रहे थे और उनका 1978 में हुई उन हत्याओं से कोई लेना-देना नहीं था. घटना के वक्त वह 18 साल के थे. जेल से छूटने पर उन्होंने कहा कि वह 'ईश्वर के शुक्रगुजार हैं.'


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