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नवंबर 2020 में शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसेन फखरीजादेह के बाद ईरान में यह सबसे हाई प्रोफाइल मामला था.
इजरायल के हितों पर लगातार हमला करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नेफ्टाली बेनेट ने ईरान को धमकी दी है. बेनेट ने कहा कि तेहरान को परदे के पीछे से हमलों के लिए उकसाने की सजा दी जाएगी. बेनेट ने कहा, 'दशकों से ईरानी शासन परदे के पीछे से अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इजरायल और क्षेत्र में आतंकवाद फैला रहा है लेकिन इस गुट के अगुआ ईरान ने हमेशा संरक्षण का लुत्फ उठाया है.'
'पूरी कीमत चुकानी होगी'
बेनेट ने कहा, 'जैसा कि हमने पहले कहा था कि ईरान के संरक्षण का दौर खत्म हो चुका है. जो लोग आतंकवाद को फंडिंग दे रहे हैं, जो आतंकवादी हैं और जो आतंकी भेज रहे हैं, उन्हें इसकी पूरी कीमत चुकानी होगी.' उनका यह बयान तेहरान में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कर्नल हसन सैय्यद खोडाई की हत्या के एक हफ्ते बाद आया है, जिनके मर्डर का आरोप इजरायल पर लगाया गया है.
'धर्मस्थलों के रक्षक' कहे जाने वाले खोडाई की मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों ने उसकी कार के पहिये पर गोली मारकर हत्या कर दी थी. उस पर इजराइल ने दुनिया भर में अपने नागरिकों के खिलाफ हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया था.
ईरान ने लगाया था इजरायल पर आरोप
ईरान ने दावा किया था कि इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने इस हमले को अंजाम दिया था क्योंकि हत्या के तौर-तरीके उसके पिछले टारगेट्स से मेल खाते थे. खोडाई को गोली मारने के बाद, रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने इजरायली इंटेलिजेंस सर्विस नेटवर्क के सदस्यों को गिरफ्तार किया था, जिनके बारे में उसका मानना था कि उन्होंने ईरान में हमले किए थे.
हत्या का बदला लेने की कसम लेते हुए, ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रसी ने खोडाई को कुद्स फोर्स का 'शहीद' बताया, जो इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स की फॉरेन ऑपरेशन शाखा है. नवंबर 2020 में शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसेन फखरीजादेह के बाद ईरान में यह सबसे हाई प्रोफाइल मामला था.
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