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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में सीमेंट और कंक्रीट उद्योग की सबसे ज्यादा अनदेखी हो रही है. जबकि, यह क्षेत्र वैश्विक स्तर पर कार्बन डाइऑक्साइड के 8 फीसदी उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है. आखिर इसका विकल्प क्या है? पृथ्वी पर पानी के बाद सबसे ज्यादा इस्तेमाल सीमेंट और कंक्रीट का होता है. आधुनिक शहरों के निर्माण में इसका सबसे ज्यादा योगदान है. हम जहां रहते हैं वहां आसपास मौजूद ज्यादा से ज्यादा चीजों के निर्माण में इसका इस्तेमाल होता है, चाहे वह हमारे घर की छत हो या बिजली उत्पादन और सिंचाई के लिए बनाया जाने वाला बांध या और कोई अन्य बुनियादी संरचना. कंक्रीट एक ऐसी चीज है जिसने दुनिया भर में निर्माण के क्षेत्र में नई क्रांति ला दी है. हमारे जीवन स्तर को बेहतर बनाया है. इन सब के बावजूद, यह ग्लोबल वार्मिंग को तेज करने वाला एक महत्वपूर्ण कारक है. सीमेंट उद्योग वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के लगभग 8 फीसदी के लिए जिम्मेदार है, जो उड़ान या शिपिंग से दोगुने से अधिक है. घर, सड़क, बाढ़ से बचाव के लिए बुनियादी संरचना तैयार करने जैसे कई कामों के लिए हर साल 400 करोड़ टन से अधिक सीमेंट का उत्पादन किया जाता है. धीरे-धीरे इसका इस्तेमाल बढ़ने की ही संभावना है, क्योंकि गरीब देशों में भी शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है. घर और दूसरे बुनियादी ढांचों का निर्माण बढ़ रहा है. चीन दुनिया के आधे से अधिक सीमेंट का उत्पादन करता है. अमेरिका ने 20वीं सदी में जितना सीमेंट का उत्पादन किया, चीन ने महज दो वर्षों, 2011 से 2013 में ही उतने सीमेंट का उत्पादन किया. ब्रसेल्स में मौजूद क्लाइमेट थिंक टैंक ई3जी (E3G) में औद्योगिक प्रक्रियाओं में डीकार्बोनाइजिंग (कार्बन के इस्तेमाल को कम करना) की विशेषज्ञ जोहाना लेहने कहती हैं, "मूल चुनौती यह है कि कंक्रीट में काफी ज्यादा कार्बन का इस्तेमाल होता है. यह एक बड़ी समस्या है. इसके बावजूद, इसका ज्यादा इस्तेमाल जारी रह सकता है. पर्यावरण के अनुकूल कंक्रीट मौजूद क्यों नहीं है कंक्रीट का निर्माण करना एक सामान्य प्रक्रिया है.