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पाक के पास नागरिकों तक बिजली पहुंचाने के लिए नहीं Grid system, बर्बाद ऊर्जा को बिटकॉन माइनिंग में खर्च करने का सुझाव

Gulabi
1 March 2021 1:01 PM GMT
पाक के पास नागरिकों तक बिजली पहुंचाने के लिए नहीं Grid system, बर्बाद ऊर्जा को बिटकॉन माइनिंग में खर्च करने का सुझाव
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दशकों तक बिजली की कमी से जूझने के बाद अब पाकिस्तान (Pakistan) एक नई ऊर्जा समस्या (New Energy Problem) का सामना कर रहा है

दशकों तक बिजली की कमी से जूझने के बाद अब पाकिस्तान (Pakistan) एक नई ऊर्जा समस्या (New Energy Problem) का सामना कर रहा है. पाकिस्तानी अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान बहुत अधिक ऊर्जा का उत्पादन (Energy Production) कर रहा है लेकिन वितरण और ग्रिड सिस्टम (Grid System) के बिना उसके पास इस बिजली के इस्तेमाल का कोई तरीका नहीं है.


रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री के विशेष ऊर्जा सहायक ताबिश गौहर के मुताबिक पाकिस्तान में मांग की तुलना में 50 फीसदी बिजली का उत्पादन कर रहा है. सहायक के इस दावा का मतलब ये नहीं है कि पाकिस्तान में लोगों को बिजली कटौती की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता.

सरकार झेल रही अपमान और घाटा
बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन के दावे के बावजूद पाकिस्तान इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है. इससे पाकिस्तान सरकार को न सिर्फ घाटा झेलना पड़ रहा है बल्कि उसका अपमान भी हो रहा है. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार को बिजली के लिए भुगतान करना पड़ता है, भले ही उसका इस्तेमाल न हो रहा हो.

रिपोर्ट में इस समस्या से निपटने के लिए एक 'अनूठे' समाधान के बारे में भी बताया गया है. इस समाधान का नाम है 'बिटकॉइन माइनिंग'. डॉन की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर पाकिस्तान इस ऊर्जा को बिटकॉइन माइनिंग में खर्च करे और इसके लिए लेटेस्ट S19 प्रो एंटमाइनर का इस्तेमाल करे तो मौजूदा वैल्यू के हिसाब से हर साल 35 बिलियन डॉलर कीमत के बिटकॉइन को जेनेरेट किया जा सकता है.

अगर बिटकॉइन की कीमत जीरो हो गई तो?
दावा किया गया है कि इस तकनीक से पाकिस्तान दो साल में अपने बाहरी कर्ज का भुगतान कर सकता है. कहा गया है कि अगर जेपी मॉर्गन का पूर्वानुमान कि बिटकॉइन 146,000 तक पहुंच सकता है, सही साबित होता है तो पाकिस्तान इससे लगभग 110 बिलियन डॉलर कमाएगा.

रिपोर्ट के अनुसार अगर भविष्य में बिटकॉइन की कीमत जीरो हो जाती है, जैसा कि कई आलोचकों का दावा है तो भी इससे पाकिस्तान को कोई नुकसान नहीं होगा क्योंकि सरकार बिजली के लिए पहले से भुगतान कर ही रही है. इस तकनीक से पाकिस्तान की जो भी कमाई होगी उसका इस्तेमाल बिजली वितरण के लिए नेटवर्क स्थापित करने में किया जा सकता है ताकि भविष्य में इसका इस्तेमाल सही ढंग से किया जा सके.


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