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पोती ने की गलती: दादा के अंतिम संस्कार में पहुंची जालीदार और छोटी ड्रेस पहनकर, भड़के लोग

Nilmani Pal
6 Sep 2021 12:38 PM GMT
पोती ने की गलती: दादा के अंतिम संस्कार में पहुंची जालीदार और छोटी ड्रेस पहनकर, भड़के लोग
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हर किसी को अपनी पसंद के कपड़े पहनने का अधिकार है, यह हम सभी जानते हैं लेकिन कुछ स्थितियां ऐसी होती हैं जहां आपसे उस मौके के अनुसार कपड़े पहनने की उम्मीद की जाती है. ऐसा नहीं करने पर लोग नाराजगी भी जाहिर करते हैं. ब्रिटेन में एक पोती अपने दादा के अंतिम संस्कार में जालीदार और छोटी ड्रेस पहनकर पहुंच गई जिसके बाद लोगों ने उसे निशाने पर ले लिया. परंपरागत रूप से, विदेशों में अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोग काले औपचारिक कपड़े पहनते हैं क्योंकि वो शोक में होते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो चाहते हैं कि उनके अंतिम संस्कार में मेहमान अपने जीवन का जश्न मनाने के लिए चमकीले कपड़े पहनकर आएं. बर्मिंघम लाइव की रिपोर्ट के अनुसार, एक महिला अपने दादाजी के अंतिम संस्कार में छोटी और जालीदार ड्रेस पहन कर पहुंच गई. सोशल मीडिया रेडिट पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें महिला एक छोटी, स्ट्रैपलेस फिशनेट ड्रेस पहने हुए दिखाई दे रही है.

तस्वीर के साथ, महिला ने लिखा, "आज मेरे दादाजी का अंतिम संस्कार है और हां, मैं इस पोशाक में जा रही हूं, मैं इस बारे में नहीं सोचती की लोग क्या कहेंगे. यहां तक ​​​​कि इस दुखद मौके पर भी मुझे यह पहनने का अधिकार है. महिला ने आगे लिखा, "इसके अलावा अगर मेरे दादाजी अभी भी जीवित होते तो मुझे पता होता कि वो मुझे इस रूप में स्वीकार करते." तस्वीर शेयर किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर लोग महिला की तीखी आलोचना करने लगे. कुछ लोगों ने तर्क दिया कि इस दुखद मौके पर उसका पहनावा दूसरों को "असहज" करने वाला था. एक व्यक्ति ने लिखा, आपको अपनी मर्जी से पहनने का अधिकार है लेकिन कभी-कभी आपको दूसरे लोगों की राय और भावनाओं का भी सम्मान करना पड़ता है. एक अन्य यूजर ने लिखा, "लोग आपके दादाजी को सम्मान देने के लिए आए हैं और क्या आप वास्तव में उन्हें असहज महसूस कराने के बाद अच्छा महसूस करती हैं. अगर ऐसा है तो यह बहुत ही भयानक है?"

एक अन्य व्यक्ति ने इसे अपमानजनक करार दिया. इसके बावजूद, महिला ने आलोचनाओं पर पलटवार करते हुए अंतिम संस्कार के लिए अपनी पसंद की पोशाक को पहनने के फैसले को जायज बताया. उसने कहा, 'यह दिन अन्य लोगों की भावनाओं के बारे में नहीं है. यह मेरे दादाजी के बारे में है."

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