x
हालांकि सरकार ने शर्त भी लगाई है कि ये तभी संभव है जब ये प्रदर्शनकारी वापस लौट जाएं।
पाकिस्तान के हालात इन दिनों काफी खराब हो रहे हैं। तहरीक ए लब्बाक पाकिस्तान (टीएलपी) को लेकर सरकार काफी परेशान दिखाई दे रही है। वहीं टीएलपी नेता की गिरफ्तारी के बाद से उसके समर्थन में उतरे लोग भी बेकाबू होते हुए दिखाई दे रहे हैं। पाकिस्तान के आतंरिक मंत्री शेख राशिद ने टीएलपी के समर्थन में उतरने वालों को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा है कि या तो वो वापस चले जाएं, नहीं तो उनके हाथों से बाहर हो जाएंगी बता दें कि पाकिस्तान की सरकार ने टीएलपी को प्रतिबंधित संगठनों की लिस्ट में डाला है।
सरकार के फैसले के मुताबिक अब इसको एक आतंकी संगठन के तौर पर देखा जाएगा। सरकार ने साफ किया है कि वो इस संगठन के सफाए को लेकर प्रतिबद्ध है। एएनआई के मुताबिक पाकिस्तान इलेक्ट्रानिक मीडिया रेगुलेटरी आथरिटी (PEMRA) उन सभी चैनलों को बैन करने की बात कही है जो टीएलपी की एक्टिविटी को कवर करेगा। जियो न्यूज के हवाले से बताया गया है कि पेमरा की तरफ से इसको लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है।
एएफपी के मुताबिक राशिद को इस बात की भी चिंता सताने लगी है कि यदि ये प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद में घुस गए तो क्या होगा। इसके जवाब में उन्होंने जियो न्यूज के एक प्रोग्राम में कहा कि इन्हें किसी भी सूरत में इस्लामाबाद में घुसने से रोका जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि या तो ये प्रदर्शनकारी वापस चले जाएं, नहीं तो सरकार के पास कोई दूसरा चारा नहीं रहेगा कि इनके साथ सख्ती से पेश आया जाए। आंतरिक मंत्री ने ये भी कहा कि सरकार किसी तरह की हिंसा नहीं चाहती है। प्रधानमंत्री इमरान खान किसी भी सूरत से देश को इन प्रदर्शनकारियों के हाथों बंधक नहीं बनने देंगे। शेख राशिद ने टीएलपी के समर्थन में जुटे प्रदर्शनकारियों से कहा कि इसमें केवल उनका ही नुकसान है।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि टीएलपी का ये विरोध प्रदर्शन तीन बातों को लेकर हो रहा है। इनमें से पहला है टीएलपी को आतंकी संगठन के तौर पर देखने का सरकार का फैसला, दूसरा है संगठन के संस्थापक मरहूम खादिम रिजवी के बेटे साद रिजवी की अप्रैल में हुई गिरफ्तारी और तीसरा है फ्रांस की मैग्जीन में छपी पैगंबर मुहम्मद की विविदित तस्वीर। इन तीनों ही मसलों पर टीएलपी के समर्थक गुस्साए हुए हैं। इन प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकार फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करे और रिजवी की तत्काल रिहाई करे। हालांकि सरकार ने साफ कर दिया है कि उसे टीएलपी की दोनों ही मांगे नागवार गुजरी हैं। टीएलपी के साथ हुई झड़प में बुधवार को चार पुलिस अधिकारी मारे गए थे जबकि 263 से अधिक घायल भी हुए थे।
टीएलपी के रुख को देखते हुए सरकार साफ कर चुकी है कि वो इस्लामाबाद में इसको धरने की इजाजत किसी भी सूरत से नहीं देगी। वहीं सरकार पर दबाव बनाने के लिए करीब दस हजार टीएलपी समर्थक इस्लामाबाद में प्रदर्शन करना चाहते हैं। शेख राशिद ने टीएलपी पर कड़ा रुख इख्तियार करते हुए यहां तक कहा है कि जब हम कह रहे हैं कि फ्रांस के राजदूत देश से जा चुके हैं तो प्रदर्शनकारी उनकी बातों पर विश्वास क्यों नहीं कर रहे हैं। सरकार की तरफ से टीएलपी से बातचीत की बात भी कही गई है। हालांकि सरकार ने शर्त भी लगाई है कि ये तभी संभव है जब ये प्रदर्शनकारी वापस लौट जाएं।
Neha Dani
Next Story