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नशीद ने ही श्रीलंकाई एयरफोर्स को एयरक्राफ्ट मुहैया कराने के लिए कॉल किया था.
कोलंबो. भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा. श्रीलंका में आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. राजनीतिक उथल-पुथल मची है. जनता सड़कों पर उतर आई है. देश के नेता एक के बाद एक जनता को मुश्किल घड़ी में छोड़कर भाग रहे हैं. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे रातोंरात अपने परिवार के साथ मालदीव भाग गए हैं. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि गोटबाया राजपक्षे को रातोंरात विरोध प्रदर्शन के बीच श्रीलंका से भागने में किन लोगों ने मदद की?
पहले गोटबाया ने पीएम ऑफिस को बताया था कि वो देश में ही हैं और 13 जुलाई को इस्तीफा देंगे. लेकिन रातोंरात उनके भागने से चीजें धीरे-धीरे साफ हो रही हैं. गोटबाया बिना इस्तीफा दिये भाग गये. ऐसे में नए राष्ट्रपति, नई सरकार को चुनने का सारा प्रोसेस फिलहाल के लिए अटक गया.
बिना इस्तीफा दिए क्यों भागे?
दरअसल, गोटबाया राजपक्षे ने पहले ही जान को खतरे का अंदेशा जताया था. वह श्रीलंका से सुरक्षित निकलना चाहते थे. लेकिन अगर वह राष्ट्रपति पद छोड़ देते तो शायद ऐसा नहीं हो पाता.
एयरफोर्स से मिला एयरक्राफ्ट
एयरफोर्स के टॉप अधिकारी ने बताया कि रक्षा मंत्रालय के ऑर्डर पर राष्ट्रपति के लिए प्लेन दिया गया था. राष्ट्रपति को प्लेन संविधान में मौजूद निहित कानूनी प्रावधानों के अनुसार ही दिया गया था. मतलब अगर गोटबाया राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे चुके होते तो उनको ऐसी सुविधा ऐन वक्त पर नहीं मिल पाती.
कौन कर रहा गोटबाया की मदद?
CNN News18 की रिपोर्ट के मुताबिक, 73 साल के गोटबाया राजपक्षे के मालदीव पहुंचने के बाद एक और बड़ी जानकारी सामने आई. गोटबाया को श्रीलंका से निकालने के लिए मालदीव की संसद के पूर्व स्पीकर और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मदद की. नशीद ने ही श्रीलंकाई एयरफोर्स को एयरक्राफ्ट मुहैया कराने के लिए कॉल किया था.
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