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गूगल ने पीटर दासजक की इकोहेल्थ अलायंस चैरिटी को पूरे दशक भर खूब वित्तीय मदद मुहैया कराई

Tulsi Rao
23 Jun 2021 5:34 PM GMT
गूगल ने पीटर दासजक की इकोहेल्थ अलायंस चैरिटी को पूरे दशक भर खूब वित्तीय मदद मुहैया कराई
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गूगल की चैरिटी संस्था ने भी दी थी वुहान लैब से जुड़े वैज्ञानिक पीटर दासजक को मदद

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वायरस के वुहान लैब से लीक होने के मामले में गूगल ने शुरू से चुप्पी साधे रखी है. अब खुलासा हुआ है कि वुहान लैब से जुड़े वैज्ञानिक पीटर दासजक और उनके की संस्था को गूगल की चैरिटी संस्था गूगल.ओआरदी दशकों तक वित्तीय मदद मुहैया कराती रही है. इस नए खुलासे पर भी गूगल ने चुप्पी साध रखी है.

इकोहेल्थ अलायंस चैरिटी को खूब दी मदद
डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल ने पीटर दासजक और उनकी संस्था इकोहेल्थ अलायंस चैरिटी को खूब वित्तीय मदद मुहैया कराई. नेशनल पल्स ने इस खुलासे में बताया है कि गूगल की तरफ से इकोहेल्थ अलायंस चैरिटी को साल 2010 से ही वित्तीय मदद मिलती रही है. गूगल ने अपनी सफाई में कहा है कि उसने जिन लोगों को वित्तीय मदद मुहैया कराई, उनका कोरोना से कोई लेना देना नहीं है. गूगल के प्रवक्ता ने कहा है कि हमारे फंड का कोई भी इस्तेमाल कोरोना से जुड़ी किसी भी रिसर्च में नहीं हुआ है.
पीटर दासजक पर लगे हैं गंभीर आरोप
कोरोना वायरस के दुनिया की नजर में आने के बाद से पीटर दासजक और उनकी संस्था लगातार अमेरिकी सरकार के निशाने पर रही है. वुहान लैब लीक थ्यौरी के सामने आने के बाद उन्हें अमेरिका के कोविड-19 कमीशन से हटा दिया गया था. उनपर आरोप है कि उन्होंने वुहान लैब के साथ मिलकर काफी काम किया है, ऐसे में वो इस मामले की जांच कर रही टीम में शामिल नहीं हो सकते.



धनराशि का नहीं हुआ खुलासा
गूगल और पीटर दासजक की इकोहेल्थ अलायंस चैरिटी के बीच कितने धन का आदान प्रदान हुआ है, इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है. हालांकि अब ये साफ हो चुका है कि गूगल ने पीटर दासजक की इकोहेल्थ अलायंस चैरिटी को पूरे दशक भर खूब वित्तीय मदद मुहैया कराई है.



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किस टीम से हटाए गए डॉ पीटर दासजक?
पीटर दासजक और 27 वैज्ञानिकों की एक कमेटी बनाई गई थी, जिनपर कोरोना वायरस से निपटने के तरीकों को निकालने की जिम्मेदारी थी. बता दें कि कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचाया. इसकी वजह से लाखों लोग मारे गए, जबकि करोड़ों लोग संक्रमित हुए. कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डाला. भारत, अमेरिका, यूरोपीय संघ के साथ ही अन्य कई देशों की अर्थव्यवस्था संकुचित हुई और कई देशों की विकास दर नकारात्मक रही.


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