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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर गूगल ने बनाया खास डूडल, महिलाओं को दिया प्यार और सम्मान

Neha Dani
8 March 2022 5:50 AM GMT
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर गूगल ने बनाया खास डूडल, महिलाओं को दिया प्यार और सम्मान
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यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां निकाली थीं.

गूगल अपने स्पेशल डूडल बनाकर कई मौको को खास बना देता है. ऐसा ही गूगल ने आज भी किया है. आज दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है. ऐसे में गूगल ने स्पेशल डूडल बनाकर दुनियाभर की महिलाओं को प्यार और सम्मान जताया है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने के पीछे का उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देना है. महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार को दर्शाते हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है. हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस किसी न किसी थीम पर आधारित होता है और इस बार का विषय है- एक स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता जरूरी

गूगल ने आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आकर्षक और क्रिएटिव डूडल को बनाया है. इस एनिमेटेड डूडल में महिलाओं के धैर्य, त्याग के साथ उनके भीतर के आत्मविश्वास को भी दर्शाया गया है. गूगल के होमपेज पर एनिमेटेड स्लाइड शो के साथ एक आकर्षक डूडल नजर आ रहा है जिसमें विभिन्न संस्कृतियों के साथ महिलाओं के जिंदगी की झलकियां देखी जा सकती हैं. एक कामकाजी मां से लेकर मोटर मेकैनिक तक को दिखाने वाले इस डूडल का अंदाज बड़ा ही रोचक है. इस एनिमेटेड डूडल में दिखाया गया है कि कैसे एक महिला घर संभालने से लेकर अंतरिक्ष तक को भी संभाल सकती है. हर क्षेत्र में महिलाओं के सामने चुनौतियां ही रही हैं जिसका वे बेहतरीन तरीके से मुकाबला कर रही हैं.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास
युनाइटेड नेशन्स ने 8 मार्च 1975 को महिला दिवस मनाने की शुरुआत की थी लेकिन उससे पहले साल1909 में ही इसे मनाने की कवायद की जा चुकी थी. दरअसल साल 1909 में अमेरिका में पहली बार 28 फरवरी को महिला दिवस मनाया गया था. सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने न्यूयॉर्क में 1908 में गारमेंट वर्कर्स की हड़ताल को सम्मान देने के लिए इस दिन का चयन किया था. वहीं रूसी महिलाओं ने पहली बार 28 फरवरी को महिला दिवस मनाते हुए पहले विश्व युद्ध का विरोध दर्ज किया था.
रूस की महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस की मांग को लेकर 1917 में हड़ताल की. हड़ताल फरवरी के आखिरी रविवार को शुरू हुई. यह एक ऐतिहासिक हड़ताल थी और जब रूस के जार ने सत्ता छोड़ी तब वहां की अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिया. यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां निकाली थीं.


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