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Google Doodle: सर विलियम लुइस आर्थर को गूगल आज अपने खास डूडल के जरिए कर रहा है याद, जानिए उनके बारे में

Neha Dani
10 Dec 2020 3:03 AM GMT
Google Doodle: सर विलियम लुइस आर्थर को गूगल आज अपने खास डूडल के जरिए कर रहा है याद, जानिए उनके बारे में
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गूगल अक्सर समाज में अपना सराहनीय योदगान देने वाले लोगों की याद में डूडल समर्पित करता रहता है.

गूगल अक्सर समाज में अपना सराहनीय योदगान देने वाले लोगों की याद में डूडल समर्पित करता रहता है. इसी कड़ी में गूगल ने आज 10 दिसंबर 2020 को अपने होमपेज लोगो को रिप्लेस कर अर्थशास्त्री, प्रोफेसर और लेखक, सर डब्ल्यू आर्थर लुईस को डूडल के साथ सम्मानित किया है. इसका चित्रण मैनचेस्टर के आर्टिस्ट कैमिला आरयू द्वारा किया गया है. सर विलियम आर्थर लुईस एक अर्थशास्त्री और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में राजनीतिक अर्थव्यवस्था के जेम्स मैडिसन प्रोफेसर थे. 1979 में आज ही के दिन, सर डब्ल्यू आर्थर लुईस को संयुक्त रूप से विकासशील देशों को प्रभावित करने वाली आर्थिक शक्तियों का मॉडल बनाने के लिए अर्थशास्त्र में नोबेल मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पहले ब्लैक फैकल्टी सदस्य थे
आधुनिक विकास अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अग्रणियों में से एक, सर लुईस लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पहले ब्लैक फैकल्टी सदस्य थे. वह ब्रिटिश विश्वविद्यालय में पहले अश्वेत व्यक्ति और प्रिंसटन में पूर्ण प्रोफेसरशिप प्राप्त करने वाले पहले ब्लैक इंस्ट्रक्टर थे.
33 साल की उम्र में बने एक पूर्ण प्रोफेसर
सर विलियम ऑर्थर लुईस का जन्म 23 जनवरी 1915 को कैरेबियाई द्वीप सेंट लुसिया में हुआ था. उनके माता-पिता, दोनों स्कूल शिक्षक थे और एंटीगुआ के अप्रवासी थे. उन्होंने 14 साल की उम्र में अपने स्कूल के पाठ्यक्रम को पूरा कर लिया था. इसके बाद वह सिविल सेवा में क्लर्क के रूप में काम करने के लिए चले गए. 1932 में, उन्होंने एक सरकारी छात्रवृत्ति जीती और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अध्ययन के लिए चले गए. नस्लीय भेदभाव का सामना करने के बावजूद, 33 साल की उम्र में, वह एक पूर्ण प्रोफेसर बन गए थे.
अपनी जिंदगी का ज्यादातर समय सर विलियम आर्थर लुईस ने दुनिया की कई यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हुए बिताया था. प्रिसंटन यूनिवर्सिटी में उन्होंने 20 साल पढ़ाया. वहीं जब 1991 में सर विलियम की मौत हुई तो उन्हें आर्थर लुईस कम्युनिटी कॉलेज के मैदान में दफनाया गया था.


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