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Google ने भारत से जुड़े दुर्भावनापूर्ण कई डोमेन पर लगाया प्रतिबंध, 'हैक फॉर हायर' समूह से जुड़ा है मामला

Subhi
3 July 2022 12:43 AM GMT
Google ने भारत से जुड़े दुर्भावनापूर्ण कई डोमेन पर लगाया प्रतिबंध, हैक फॉर हायर समूह से जुड़ा है मामला
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अमेरिकी तकनीकी दिग्गज गूगल के खतरा विश्लेषण समूह (टीएजी) ने भारत से जुड़े दुर्भावनापूर्ण एक दर्जन से ज्यादा डोमेन और वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाया है। हैक फॉर हायर समूह इनका इस्तेमाल कर दुनियाभर में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को निशाना बना रहे थे।

अमेरिकी तकनीकी दिग्गज गूगल के खतरा विश्लेषण समूह (टीएजी) ने भारत से जुड़े दुर्भावनापूर्ण एक दर्जन से ज्यादा डोमेन और वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाया है। हैक फॉर हायर (पैसे लेकर वेबसाइट या कंप्यूटर हैक करना) समूह इनका इस्तेमाल कर दुनियाभर में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को निशाना बना रहे थे।

उपयोगकर्ताओं को खतरे की जानकारी देने के लिए कंपनी ने हाल ही में एक ब्लॉग पोस्ट प्रकाशित की थी। इसमें इन सभी प्रतिबंधित डोमेन लिंक की लिस्ट दी गई थी, जिनका उपयोग कर कंप्यूटर/लैपटॉप में जासूसी करने वाले सॉफ्टवेयर डाले जाते थे। इनमें वेबसाइट या एप का फर्जी लॉगिन पेज दिखाई देता था।

ब्लॉग में कहा गया था, गूगल और अपने उपयोगकर्ताओं को गंभीर खतरों से बचाने के लिए हम यह विश्लेषण प्रकाशित कर रहे हैं। इनमें सरकार समर्थित हमलावर, वाणिज्यिक निगरानी करने वाले और गंभीर अपराध करने वाले शामिल हैं। हम हैक फॉर हायर कहे जाने वाले उन लोगों की जानकारी दे रहे हैं, जिनका ध्यान आपके खातों की जानकारी निकालने और डाटा को सेवा के रूप में बेचने पर है।

गुपचुप हैकर को मिल जाती थी उपयोगकर्ता की जानकारी

जब भी कोई उपयोगकर्ता इन डोमेन पर अपनी लॉगिन डिटेल भरता तो वह गुपचुप हैकर तक पहुंच जाती थी। वह उनका उपयोग उपयोगकर्ता का सिस्टम हैक करने और उस पर पूरा नियंत्रण पाने में कर सकता था। इन फिशिंग मेसेज का निशाना सरकारी या जीमेल खाते होते थे। भारत के साथ ही गूगल ने रूस और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भी हैक फॉर हायर समूह के बारे में जानकारी दी है।

भ्रमित करना है कार्यप्रणाली का अंग

ऑनलाइन ठगी या जासूसी के काम में लगे अपराधियों का काम मुख्यत: कंप्यूटर उपयोगकर्ताओं को भ्रमित करना होता है। कई बार लोगों के सामने उनके ईमेल खाते वाला नकली पेज बना दिया जाता है तो कई बार बैंक के नाम वाला नकली पेज दिखता है। इस पर कोई व्यक्ति अपना खाता नंबर और पासवर्ड डालता है तो वह अपराधी के पास पहुंच जाता है। कई बार कंप्यूटर में मालवेयर डाल दिया जाता है।


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