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इंटरनेट सर्च में प्रतिस्पर्धा मिटाने और ऑनलाइन विज्ञापन बाजार में अवैध तरीके से कब्जे के मामलों के बाद गूगल पर तीसरा मुकदमा दर्ज हुआ है।
इंटरनेट सर्च में प्रतिस्पर्धा मिटाने और ऑनलाइन विज्ञापन बाजार में अवैध तरीके से कब्जे के मामलों के बाद गूगल पर तीसरा मुकदमा दर्ज हुआ है। इसमें अमेरिका के तीस से ज्यादा राज्यों ने कंपनी पर छोटे प्रतिद्वंद्वियों को बाहर करने के लिए सर्च परिणामों की अनुचित ढंग से व्यवस्था करने की साजिश का आरोप लगाया है।
डेमोक्रेट और रिपब्लिकन समूह के राज्य अभियोजकों ने गुरुवार को मामला दर्ज कराने के बाद बताया कि गूगल ने उन वेबसाइटों को कमतर कर दिया है जिनके जरिए यूजर्स घर की मरम्मत और यात्रा समीक्षा जैसी सूचनाएं पाते हैं।
इसके अलावा कंपनी पर एपल के साथ बिंग और डकडकगो जैसे प्रतिस्पर्धियों के बजाय गूगल सर्च सेवा की प्राथमिकता देने के लिए खास समझौते करने का भी आरोप लगा है।
लंबी कानूनी लड़ाई
अभियोजकों ने अमेरिकी जिला अदालत में गूगल के खिलाफ ताजा शिकायत देते हुए इसे अक्तूबर में न्याय विभाग के समक्ष दर्ज मामले के साथ जोड़ने का आग्रह किया है। अगर अदालत इन मामलों को जोड़ लेती है तो गूगल के खिलाफ न सिर्फ आरोपों को दायरा बढ़ जाएगा, बल्कि इनके निपटारे में कई साल लग जाते हैं।
वॉयस असिस्टेंस में दबदबा
अभियोजकों का कहना है कि ऐसे अनुचित तौर तरीकों से प्रतिद्वंद्वियों को दबाकर ही गूगल ने 90 फीसदी इंटरनेट सर्च बाजार पर कब्जा जमाया है।
गूगल ने आरोपों को नकारा
गूगल लगातार एंटीट्रस्ट उल्लंघन के आरोपों की नकारती रही है। बताया जा रहा है कंपनी दुनियाभर में फैले अपने वकीलों, अर्थशास्त्रियों व लॉबिस्टों के नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकती है।
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