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अच्छी खबर: Oxford की Coronavirus Vaccine ज्यादा उम्र के लोगों पर भी है असरदार

Kunti Dhruw
19 Nov 2020 2:14 PM GMT
अच्छी खबर: Oxford की Coronavirus Vaccine ज्यादा उम्र के लोगों पर भी है असरदार
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अच्छी खबर: Oxford की Coronavirus Vaccine ज्यादा उम्र के लोगों पर भी है असरदार

ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वायरस वैक्सीन ने 56-69 साल और 70 साल से ज्यादा की उम्र के स्वस्थ लोगों में इम्यून रिस्पॉन्स पैदा किया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | लंदन : ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वायरस वैक्सीन ने 56-69 साल और 70 साल से ज्यादा की उम्र के स्वस्थ लोगों में इम्यून रिस्पॉन्स पैदा किया है। The Lancet ने गुरुवार को 560 स्वस्थ लोगों पर की गई स्टडी का डेटा पब्लिश किया है। इसमें ChAdOx1 nCoV-19 वैक्सीन को सुरक्षित बताया गया है। इसके गंभीर साइड इफेक्ट्स भी नहीं हुए हैं।

ज्यादा उम्र के लोगों को खतरा

रिसर्चर्स का कहना है कि ये नतीजे उत्साहजनक हैं क्योंकि ज्यादा उम्र के लोगों को COVID-19 संबंधी जोखिम अधिक होता है। इसलिए कोई ऐसी वैक्सीन होनी चाहिए जो ज्यादा उम्र के लोगों के लिए कारगर हो। ऑक्सफर्ड वैक्सीन ग्रुप से जुड़े डॉक्टर महेशी रामासामी ने अधिक आयु समूह के लोगों में वैक्सीन के अच्छे परिणामों पर खुशी जाहिर की है। ब्रिटेन ऑक्सफर्ड की इस वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक का पहले ही ऑर्डर दे चुका है।

जल्दी आ सकते हैं नतीजे

रिसर्चर्स की टीम यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि क्या तीसरे चरण के व्यापक परीक्षण में यह वैक्सीन लोगों में COVID-19 को विकसित होने से रोकती है। इस महत्वपूर्ण चरण के शुरुआती परिणाम अगले कुछ सप्ताह में आने की उम्मीद है। डॉक्टर रामासामी ने कहा, 'हम यह देखकर प्रसन्न हैं कि हमारा टीका न सिर्फ अधिक आयु के वयस्कों के लिए अच्छी तरह कारगर है, बल्कि इसने युवा वॉलंटिअर्स में भी समान रोग प्रतिरोधक प्रतिक्रिया उत्पन्न की।'

विपरीत परिणाम नहीं आया

टीके का विनिर्माण दवा कंपनी 'AstraZeneca' द्वारा किया जा रहा है। ऑक्सफर्ड की टीका परीक्षण टीम के प्रमुख एंड्रू पोलार्ड ने कहा कि नवीनतम परिणाम 'अत्यंत प्रसन्नता वाला है।' यह भी पाया गया कि इस चरण के परीक्षण में टीके का कोई अप्रत्याशित विपरीत परिणाम सामने नहीं आया। टीके के दूसरे चरण के परीक्षण के बारे में बृहस्पतिवार को आई रिपोर्ट में कहा गया है कि परीक्षण में शामिल 18-55, 56-79 आयु समूह तथा 70 साल से अधिक उम्र के स्वयंसेवियों में वायरस को खत्म करने वाली समान एंटीबॉडीज और टी कोशिकाएं दिखीं।


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