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लोगों के ओमीक्रोन वेरिएंट से फिर से पीड़ित होने का जोखिम अधिक है।’
ओमीक्रोन पर भारत समेत पूरी दुनिया में बढ़ते खतरे के बीच अमेरिका से अच्छी खबर आई है। अमेरिका के शीर्ष चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एंथनी फाउची ने कहा है कि शुरुआती संकेत बताते हैं कि यह संभवत: वायरस के डेल्टा स्वरूप से कम खतरनाक है। वहीं सिंगापुर ने कहा है कि शुरुआती आंकड़े बताते हैं कि कोविड-19 का 'ओमीक्रोन' स्वरूप, इसके अन्य वेरिएंट 'डेल्टा' और 'बीटा' के मुकाबले कहीं अधिक संक्रामक हो सकता है। यही नहीं इससे पुन: संक्रमण का जोखिम भी अधिक हो सकता है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के मुख्य चिकित्सा सलाहकार फाउची ने कहा है कि हालांकि कोरोना वायरस का ओमीक्रोन स्वरूप देशभर में तेजी से फैल रहा है, लेकिन शुरुआती संकेत बताते हैं कि यह संभवत: वायरस के डेल्टा वेरिएंट से कम खतरनाक है। डेल्टा के कारण अमेरिकी अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। डॉक्टर एंथनी फाउची ने रविवार को बताया कि ओमीक्रोन की गंभीरता के बारे में निष्कर्ष निकालने से पहले वैज्ञानिकों को और सूचना एकत्रित करने की आवश्यकता है।
ओमीक्रोन स्वरूप का पहला मामला दुनिया में सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था। दक्षिण अफ्रीका से प्राप्त खबरों में कहा गया है कि लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की दर तेजी से नहीं बढ़ी है। फाउची ने कहा कि बाइडन प्रशासन कई अफ्रीकी देशों से यहां आने वाले अन्य देशों के नागरिकों के प्रवेश पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध हटाने पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा, 'उम्मीद है कि हम उचित समय में प्रतिबंध को हटा पाएंगे। केवल दक्षिण अफ्रीका ही नहीं, बल्कि अन्य अफ्रीकी देशों को जिस मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है, हमें उसे लेकर बहुत बुरा महसूस करते हैं।'
ओमीक्रोन से पुन: संक्रमण का जोखिम अधिक: सिंगापुर
इस बीच सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि विश्व स्तर पर शुरुआती क्लीनिकल निरीक्षण बताते हैं कि कोविड-19 का 'ओमीक्रोन' स्वरूप इसके अन्य स्वरूपों 'डेल्टा' और 'बीटा' के मुकाबले कहीं अधिक संक्रामक हो सकता है। साथ ही इससे पुन: संक्रमण का जोखिम भी अधिक हो सकता है। 'चैनल न्यूज एशिया' ने मंत्रालय के हवाले से रविवार को अपनी खबर में कहा, 'इसका अर्थ यह है कि कोविड-19 से उबर चुके लोगों के ओमीक्रोन वेरिएंट से फिर से पीड़ित होने का जोखिम अधिक है।'
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