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पास ही के देश कांगो में भी इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती हैं.
सूडान (Sudan) के पश्चिमी कोर्डोफन प्रांत (West Kordofan province) में मंगलवार को सोने की एक खदान के धंसने (Gold mine collapsed) से कम से कम 38 लोगों की मौत हो गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. सूडान की सरकारी खनन कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह हादसा राजधानी खार्तूम (Khartoum) से 700 किलोमीटर दक्षिण में फूजा गांव (Fuja Village) में बंद पड़ी एक खदान में हुआ. इस हादसे में कुछ लोगों के घायल होने की भी जानकारी है. खनन कंपनी ने फेसबुक पर कुछ तस्वीरें पोस्ट कीं जिसमें ग्रामीणों को घटनास्थल पर इकट्ठा होते दिखाया गया.
तस्वीरों में कम से कम दो 'ड्रेजर' इस हादसे में बचे हुए लोगों और शवों को खोजने के काम में जुटे दिख रहे थे. अन्य तस्वीरों में लोगों को मृतकों को दफनाने के लिए कब्रें तैयार करते हुए देखा जा सकता है. कंपनी ने अपने बयान में कहा कि ये खदान काम नहीं कर रही थी, लेकिन स्थानीय खनिक यहां पर काम करने के लिए लौट आए. दरअसल, इस खदान की सुरक्षा करने वाले जवान जब यहां से लौट गए तो लोगों ने इसे सोना इकट्ठा करने के एक अवसर के तौर पर देखा. इसके बाद यहां पर खुदाई के लिए पहुंच गए. हालांकि, उन्हें इस कदम को उठाने के बदले जान गंवानी पड़ी. कंपनी ने ये नहीं बताया कि कब खदान ने काम करना बंद किया था.
सूडान में क्यों खनन असुरक्षित क्यों है?
दरअसल, एक दशक पहले दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक सूडान में महंगाई अपने चरम पर पहुंच गई. इसके बाद यहां पर सोने के खनन का काम फलने-फूलने लगा और लोग खनन के जरिए पैसा कमाने में जुट गए. देशभर में 20 लाख के करीब लोग पारंपरिक खदान कर्मियों के तौर पर सोने को ढूंढने का काम करते हैं. वे अक्सर सूडान भर में अर्ध-कानूनी खदानों में काम करते हैं. जहां पर हालात बेहद ही असुरक्षित होते हैं और बुनियादी ढांचा बिल्कुल जर्जर होता है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इन अनिश्चित परिस्थितियों के बावजूद सूडान से निकाले जाने वाले सोने का 80 फीसदी इन कर्मचारियों द्वारा उत्पादन किया जाता है.
आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में पूर्वी अफ्रीका में स्थित सूडान में 36.6 टन सोना निकाला गया. ये पूरे महाद्वीप में किसी देश द्वारा निकाला गया दूसरा सबसे अधिक सोना था. वहीं, पिछले दो सालों से सूडान की सरकार ने खनन इंडस्ट्री को रेगुलेट करना शुरू कर दिया है. ऐसा तब किया जा रहा है, जब देश से सोने की तस्करी का खतरा है. लेकिन 25 अक्टूबर को हुए तख्तापलट के बाद से देश एक राजनीतिक संकट में उलझ गया है, जिसकी वजह से बड़े पैमाने पर हिंसा भी देखने को मिली है. अफ्रीकी देशों में खदानों का धंसना आम बात है. पास ही के देश कांगो में भी इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती हैं.
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