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जब तक कि हम खुद माता-पिता न बन जाएं. हेनरी वार्ड बीचर
ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स हर साल जून की 1 तारीख को मनाया जाता है. इस दिन का एलान संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2012 में किया था. वैश्विक दिवस के पीछे का उद्देश्य दुनिया भर के माता-पिता को सम्मान देना रखा गया. ये दिन बच्चों और माता-पिता के लिए अनोखा बंधन मनाने का शानदार अवसर देता है.
पहली बार कब मनाया गया ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स?
80 के दशक से संयुक्त राष्ट्र संघ ने 'परिवार से जुड़े मुद्दों पर फोकस करना' शुरू किया. 17 जून, 2012 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पास कर 1 जून को वैश्विक दिवस घोषित करने का फैसला किया. प्रस्ताव में कहा गया, "महासभा सिविल सोसायटी, विशेषकर बच्चों और युवाओं के साथ पूरी साझेदारी में ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स मनाने का सदस्य देशों को निमंत्रण देती है."
कोविड-19 के बीच ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स का महत्व
खास दिन माता-पिता को अपने बच्चों के लिए महत्वपूर्ण के रूप में पहचानता है. ग्लोबल पेरेंट्स डे से परिवार के साथ बच्चों के पोषण और संरक्षण में माता-पिता की एक प्राथमिक जिम्मेदारी की अहमियत का अंदाजा होता है. माता-पिता बच्चों के लिए किसी भगवान से कम नहीं होते. खास दिन उनके बलिदान, त्याग और तपस्या की सराहना करने का एक विशेष मौका है. कोविड-19 महामारी के बीच उन्होंने मनोवैज्ञानिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना करते हुए जिस तरह अपने बच्चों की देखभाल की, आनेवाला वक्त उनको हमेशा याद रखेगा.
अपने माता-पिता के प्रति प्यार जताने के रोचक क्वोट्स
बच्चे के लिए मां के जैसा कोई दोस्ती, कोई प्यार नहीं है. हेनरी वार्ड बीचर
प्यार वो जंजीर है जिससे एक बच्चा अपने माता-पिता से बंधता है. अब्राहम लिंकन
हम कभी नहीं एक मां के प्यार को समझ पाएंगे जब तक कि हम खुद माता-पिता न बन जाएं. हेनरी वार्ड बीचर
माता-पिता बच्चों के लिए अंतिम रोल मॉडल्स हैं. हर शब्द, हरकत और काम का प्रभाव होता है. कोई अन्य शख्स या बाहरी ताकत का मां से ज्यादा बच्चे पर असर नहीं होता. बॉब किशन
Neha Dani
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