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लाखों पक्षी मार देती हैं कांच की इमारतें, आलोचकों के निशाने पर हैं पवन ऊर्जा फार्म?

Rounak Dey
18 Dec 2021 2:31 AM GMT
लाखों पक्षी मार देती हैं कांच की इमारतें, आलोचकों के निशाने पर हैं पवन ऊर्जा फार्म?
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समुद्र के किनारे पवन ऊर्जा फार्म का विकास ‘कुछ हद तक महत्वपूर्ण है.

जर्मनी में कांच की इमारतों की वजह से सबसे ज्यादा पक्षियों की मौत हो रही है. हर साल 6 करोड़ पक्षियों की मौत के जिम्मेवार घरेलू बिल्लियां हैं. इन सब के बावजूद, आलोचकों के निशाने पर पवन ऊर्जा फार्म क्यों हैं?जैसे-जैसे बिजली के लिए पवन ऊर्जा पर निर्भरता बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे इसे लेकर आलोचनाएं भी बढ़ती जा रही हैं. दावा किया जा रहा है कि पवन ऊर्जा के निर्माण के दौरान जो आवाज उत्पन्न होती है उससे इंसानों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है. कई लोग पवन ऊर्जा पैदा करने के लिए लगाए गए विशाल टरबाइन को अभिशाप मानते हैं. कुछ का कहना है कि ये बड़े टरबाइन वन्यजीवों के लिए नुकसानदायक हैं. वहीं, कुछ लोग पवन ऊर्जा से होने वाले फायदे के वितरण में असमानता की बातें भी करते हैं. ऐसे में यह देखा जाना जरूरी हो गया है कि इन दावों में कितनी सच्चाई है? क्या प्रकृति की छवि को नुकसान हो रहा है? पवन ऊर्जा पैदा करने के लिए स्थापित किए जाने वाले टरबाइन वाकई प्रकृति की छवि को बदल देते हैं. इन टरबाइन के ब्लेड करीब 250 मीटर (820 फीट) तक लंबे होते हैं. मौसम साफ होने पर, भूरे रंग की ये संरचनाएं साफ तौर पर दिखाई देती हैं. हालांकि, बिजली उत्पादन के अन्य तरीकों के दौरान भी प्रकृति की छवि बदल जाती है. कोयले से उत्पन्न होने वाली बिजली के लिए, कोयला खनन के दौरान पूरे के पूरे गांव को विस्थापित करना पड़ता है. बड़े पैमाने पर जंगलों की कटाई की जाती है. वहीं, हाई-वोल्टेज वाली ट्रांसमिशन लाइनें कई इलाकों से होकर गुजरती हैं जिनके लिए बड़े-बड़े टावर बनाए जाते हैं. जहां ये टावर बनते हैं वहां रहने वाली आबादी को किसी दूसरी जगह पर विस्थापित किया जाता है. बिजली संयंत्रों की चिमनियों से निकलने वाला धुंआ और भाप आकाश में कई किलोमीटर तक फैल जाता है. इस तरह तुलनात्मक रूप से देखा जाए, तो पवन टरबाइन स्वच्छ होते हैं. इनसे किसी भी तरह का जहरीला धुंआ नहीं निकलता है और न ही अपशिष्ट पदार्थ, पारा या कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है. दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में, जर्मनी में पवन ऊर्जा फार्म को बेहतर तरीके से विकसित किया गया है. देश की लगभग एक तिहाई ऊर्जा की आपूर्ति पवन ऊर्जा से होती है. यहां की एक बड़ी आबादी इस तरह से ऊर्जा के उत्पादन का समर्थन करती है. 80 प्रतिशत आबादी का कहना है कि समुद्र के किनारे पवन ऊर्जा फार्म का विकास 'कुछ हद तक महत्वपूर्ण है.



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