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भारत को लेकर चीन के अजीबोगरीब दावे को ग्लासगो यूनिवर्सिटी ने किया खारिज

Gulabi
29 Nov 2020 3:38 AM GMT
भारत को लेकर चीन के अजीबोगरीब दावे को ग्लासगो यूनिवर्सिटी ने किया खारिज
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कोरोना वायरस (Coronavirus) को दुनियाभर में फैलाने के लिए चीन (China) को जिम्मेदार माना जाता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वायरस (Coronavirus) को दुनियाभर में फैलाने के लिए चीन (China) को जिम्मेदार माना जाता है, लेकिन चीन लगातार बिना कोई सबूत दिए इसके लिए इटली और अमेरिका समेत कई देशों को दोषी ठहरा चुका है. अब चीनी वैज्ञानिकों (Chinese scientists) ने कोविड-19 (Covid-19) की शुरुआत के लिए भारत को जिम्मेदार बताया है.


भारत में जानवरों से इंसानों में जाने का दावा
चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज (Chinese Academy of Sciences) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने दावा किया कि कोविड-19 (COVID-19) वायरस पिछले साल गर्मियों में भारत में पैदा हुआ था. यह वायरस पहले जानवरों में फैला और फिर दूषित पानी से इंसानों में चला गया. यहीं से कोरोना वायरस (Coronavirus) चीन के वुहान (Wuhan) पहुंचा था, जहां वायरस के बारे में पहली बार पता चला था.

ग्लासगो यूनिवर्सिटी ने दावों को किया खारिज

चीन के इस दावे को ब्रिटेन के ग्लासगो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड राबर्ट्सन ने सिरे से नकार दिया है. साथ ही चीनी शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तावित सिद्धांत को 'बहुत त्रुटिपूर्ण' बताया है. उन्होंने कहा है कि चीन के दावों में कोई दम नहीं है और इसमें कोविड-19 से जुड़ी कोई भी नई बात पता नहीं चलती है.

डीएनए में हर बार होते हैं छोटे परिवर्तन

चीनी टीम ने कोविड-19 (Covid-19) की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए फाइलोजेनेटिक विश्लेषण का उपयोग किया है. डेलीमेल की रिपोर्ट के अनुसार, सभी कोशिकाओं की तरह वायरस, प्रजनन करते समय उत्परिवर्तित होते हैं, जिसका अर्थ है कि उनके डीएनए में हर बार छोटे परिवर्तन होते हैं.

चीनी वैज्ञानिकों ने दिया अजीब तर्क

चीनी शोधकर्ताओं ने अपनी स्टडी में अजीब तर्क दिया है. उनका कहना है कि भारत और बांग्लादेश दोनों जगह कोरोना वायरस (Coronavirus) के स्वरूप में कम यानी मामूली बदलाव हुआ और दोनों देश भौगोलिक रूप से भी एक दूसरे के नजदीकी हैं, इसलिए संभव है कि कोरोना का पहला संक्रमण का मामला वहीं सामने आया हो.


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