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जर्मनी: खतरे के निशान के ऊपर पहुंचा बांधों का पानी, 80 से ज्यादा लोगों की मौत

Gulabi
16 July 2021 2:45 PM GMT
जर्मनी: खतरे के निशान के ऊपर पहुंचा बांधों का पानी, 80 से ज्यादा लोगों की मौत
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जर्मनी के पश्चिमी इलाके में बांध में दरार आ जाने के बाद एक और बाढ़ की आशंका जताई जा रही है

जर्मनी के पश्चिमी इलाके में बांध में दरार आ जाने के बाद एक और बाढ़ की आशंका जताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक बेल्जियम की सीमा के करीब रर्टल्सपर बांध, रातोंरात पानी से भर गया है। जबकि दूसरा, अहरवीलर और एरफस्टाट के बीच स्टीनबैक्टलस्पेर मौजूदा वक्त में अस्थिर है। वहीं देश के कई हिस्सों में कई बांध पहले ही फट चुके हैं।

मौते का आंकड़ा 80 के पार
देश में आई त्रासदी से अब तक 80 से ज्यादा लोग अपनी गवां चुके हैं। 1962 में उत्तरी सागर में घातक बाढ़ के चलते जर्मनी में 340 लोग मारे गए थे। जो की देश में किसी भी प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या सबसे अधिक है। वहीं 1998 में हाई-स्पीड आईस ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने से 101 लोगों की मौत हो गई थी। 2002 में एल्बे नदी में आई बाढ़ के कारण पूर्वी जर्मनी में 21 और मध्य यूरोपीय क्षेत्र में 100 से अधिक लोगों की मौत दर्ज की गई थी।
बुनियादी ढांचे को बड़ा नुकसान
नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया और राइनलैंड-पैलेटिनेट में नदियों के उफान के बाद शहरों में चारों तरफ तबाही का मंजर है। कई इलाकों में पूरा समुदाय बर्बाद हो गया है। राइनलैंड-पैलेटिनेट के प्रीमियर मालू ड्रेयर के मुताबिक उनके राज्य में बाढ़ के कारण अब तक 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। साथ ही उन्होंने बताया की, बाढ़ के चलते राज्य के बुनियादी ढांचे को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा है। पुनर्निर्माण और राहतकार्य में वक्त और पैसा दोनों का ही बड़ा निवेश करना पड़ेगा।
मोबाइल नेटवर्क ध्वस्त, सैकड़ों लापता
वहीं, नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया के अहरवीलर जिले में लगभग 1,300 लोग लापता हैं। जिला प्रशासन ने ये जानकारी फेसबुक पर साझा की है। साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में मोबाइल फोन नेटवर्क काम नहीं कर रहा, जिसके चलते इलाके में लोग इस दूसरे से संपर्क करने असमर्थ हैं। जिला प्रशासन ने जानकारी देते हुए बताया की, एरफस्टाट में शुक्रवार सुबह घर ढह जाने कारण वहां कुछ लोग फंसे हुए हैं, उन्हें बचाने के लिए राहतकार्य जारी है। ये लोग चेतावनी के बावजूद अपने घरों में वापस आ गए थे। बाढ़ के कारण इलाके की सड़के बह गई हैं, जिससे वहां पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
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