विश्व

ग्रीन प्रोजेक्ट्स के लिए भारत को 2030 तक 10 अरब यूरो की मदद देगा जर्मनी

Renuka Sahu
3 May 2022 3:58 AM GMT
Germany to give 10 billion euros to India for green projects by 2030
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 फाइल फोटो 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन दिवसीय यूरोप दौरे पर हैं। मोदी ने अपने दौरे की शुरुआत जर्मनी से की है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) तीन दिवसीय यूरोप दौरे पर हैं। मोदी ने अपने दौरे की शुरुआत जर्मनी से की है। सोमवार को जर्मनी पहुंचे पीएम मोदी ने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इसी बीच जर्मनी ने बड़ा एलान किया है। जर्मनी ने कहा कि वह भारत को जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों को पाने मदद के लिए 2030 तक 10 बिलियन यूरो देगा। विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। ग्रीन एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट पार्टनरशिप पर संयुक्त घोषणा (जेडीआई) के तहत ये मदद दी जाएगी।

10 बिलियन यूरो की मदद देगा जर्मनी
एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि जेडीआई भारत और जर्मनी के बीच विकास सहयोग एजेंडे को दीर्घकालिक रणनीतिक परिप्रेक्ष्य प्रदान करता है। .उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि इरादे की यह घोषणा, हमारे संपूर्ण विकास सहयोग एजेंडे को दीर्घकालिक रणनीतिक परिप्रेक्ष्य प्रदान करती है। जर्मनी 2030 तक 10 बिलियन यूरो की नई और अतिरिक्त विकासात्मक सहायता की प्रतिबद्धता बनाने के लिए सहमत हुआ है।'
विदेश सचिव ने ग्रीन हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा पर सहयोग पर दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित समझौते के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में हमारी साझेदारी के तहत एक टास्क फोर्स जर्मनी के सहयोग से भारत में हरित हाइड्रोजन हब स्थापित करने की दिशा में काम करेगी।
हरित विकास योजनाओं में मिलेगी मदद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी के चांसलर ओलाफ शुल्ज के बीच बातचीत के बाद संयुक्त बयान जारी किया गया। बयान में कहा गया कि आज जर्मनी हरित और सतत विकास के लिए इंडो-जर्मन साझेदारी की शुरुआत कर रहा है। इसके तहत जर्मनी भारत को 2030 तक 10 अरब यूरो की मदद देगा। इससे भारत को हरित विकास योजनाओं में मदद मिलेगी।
आज डेनमार्क पहुंचेंगे पीएम मोदी
जर्मनी के बाद पीएम मोदी डेनमार्क का दौरा करेंगे। पीएम आज डेनमार्क के कोपेनहेगन पहुंचेंगे। वे डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे और समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान करेंगे। मोदी बाद में व्यापार गोलमेज सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और क्वीन मार्ग्रेथ II से मिलेंगे।
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