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जो रूस से यूक्रेन के माध्यम से मध्य यूरोप में रिफाइनरियों तक चलता है।
जर्मनी ऊर्जा संकट से निपटने के लिए तीन रूसी स्वामित्व वाली रिफाइनरियों को नियंत्रित करेगा। जर्मनी ने यह कदम रूसी तेल पर अगले साल से प्रतिबंध लागू होने से पहले ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि रूसी तेल कंपनी रोसनेफ्ट की दो सहायक कंपनियां- Rosneft Deutschland GmbH और RN Refining & Marketing GmbH को जर्मनी की संघीय नेटवर्क एजेंसी के प्रशासन के तहत रखा जाएगा।
रूसी तेल कंपनियों को नियंत्रित करेगा जर्मनी
बता दें कि इस घोषणा के बाद जर्मनी की संघीय नेटवर्क एजेंसी देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित रिफाइनरियों PCK Schwedt, MiRo और Bayernoil में कंपनियों के शेयरों को भी नियंत्रित करेगी। जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने कहा, 'यह एक दूरगामी ऊर्जा नीति निर्णय है, जो हमारे देश को बचाएगा। हमें पता है कि तेल आपूर्ति में हम रूस पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। वह विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता नहीं है।'
जर्मनी को मिलेगा फायदा
स्कोल्ज ने कहा, 'आज के निर्णय से हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जर्मनी को मध्यम और लंबी अवधि में भी तेल की आपूर्ति जारी रहे।' उन्होंने कहा कि यह विशेष रूप से श्वेड्ट रिफाइनरी (Schwedt refinery) के लिए सच है। बता दें कि इस निर्णय से बर्लिन सहित जर्मनी के अधिकांश पूर्वोत्तर क्षेत्र को फायदा मिलेगा। वित्त मंत्रालय ने कहा कि रोसनेफ्ट के पास जर्मनी की तेल रिफाइनरी क्षमता का करीब 12% हिस्सा है, जो हर महीने कई सौ मिलियन यूरो (डालर) का तेल आयात करता है।
ऊर्जा सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
मंत्रालय ने कहा कि यह कदम निरंतर ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद करेगा। रोसनेफ्ट ने पहले कहा था कि 1 जनवरी, 2023 तक यूरोपीय संघ के प्रतिबंध के लागू होने के बावजूद, ड्रुज़बा पाइपलाइन के माध्यम से तेल के आयात को नहीं रोकेगा, जो रूस से यूक्रेन के माध्यम से मध्य यूरोप में रिफाइनरियों तक चलता है।
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