विश्व
जर्मनी को 60 तो इटली को 50 प्रतिशत कम मिली गैस, रूसी गैस ने यूरोप को दो दिन में दिखाए दिन में तारे
Gulabi Jagat
17 Jun 2022 4:42 PM GMT
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रूसी गैस ने यूरोप को दो दिन में दिखाए दिन में तारे
लंदन, रायटर। रूस के गैस आपूर्ति में कटौती करने के महज 48 घंटे में ही यूरोप मुश्किल में नजर आने लगा है। शुक्रवार को जर्मनी को मांग से 60 प्रतिशत कम गैस मिली जबकि इटली को 50 प्रतिशत कम। इटली अपने उद्योगों को गैस की राशनिंग करने पर भी विचार करने लगा है। बाकी देशों को भी कम गैस मिल रही है। रूस ने मरम्मत के लिए कनाडा भेजे गए उपकरणों की वापसी तक यह किल्लत बनी रहने के आसार जताए हैं। इसके कारण ठंडक के मौसम के लिए यूरोप को गैस के भंडारण की चिंता सताने लगी है।
इटली के प्रधानमंत्री ने कहा
इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी ने कहा है कि रूस राजनीतिक कारणों से गैस आपूर्ति में कटौती कर रहा है। रूस ने यूरोप को जाने वाली सबसे बड़ी पाइपलाइन नार्ड स्ट्रीम वन से गैस की आपूर्ति कम की है। रूस की सरकारी गैस एजेंसी गैजप्रोम ने गुरुवार से 40 प्रतिशत कम गैस की आपूर्ति करने की घोषणा की थी। रूस की इस घोषणा से अफरातफरी गुरुवार को ही मच गई थी लेकिन शुक्रवार को इटली और स्लोवाकिया ने बताया कि उन्हें नियमित आपूर्ति से आधी से भी कम गैस प्राप्त हुई है।
इटली यूरोप में रूसी गैस का दूसरा बड़ा उपभोक्ता है। जबकि फ्रांस ने कहा है कि जर्मनी उसके हिस्से की गैस आगे नहीं भेज रहा। 15 जून से उसे रूसी गैस नहीं मिल रही है। जबकि जर्मनी की गैस आयातक कंपनी उनिपर ने कहा है कि उसे पूर्व की तुलना में 60 प्रतिशत कम गैस मिल रही है। वह इस कमी की भरपाई करने की कोशिश कर रहा है। हालात तनावपूर्ण हैं लेकिन फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। विदित हो कि जर्मनी रूसी गैस का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। गैजप्रोम के अनुसार नार्ड स्ट्रीम वन गैस पाइपलाइन की वार्षिक मरम्मत का कार्य 11 जुलाई से 21 जुलाई तक प्रस्तावित है। इसके चलते गैस आपूर्ति पूरी तरह से बंद रह सकती है। रूसी गैस पर निर्भर यूरोप पर आपूर्ति कम होने का खतरा तभी से मंडरा रहा था जब से उसने यूक्रेन का समर्थन करते हुए रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे। अमेरिका के दबाव और यूक्रेन की गुहार के बीच यूरोपीय देश रूस पर प्रतिबंध लगाते गए और यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करते रहे। अब रूस के पलटवार से उन्हीं यूरोपीय देशों को रास्ता नजर नहीं आ रहा। फ्रांस और स्पेन में बढ़े तापमान के चलते कार्यालयों और घरों को ठंडा रखने के लिए ज्यादा गैस की जरूरत पड़ रही है, तभी रूसी गैस की आपूर्ति में कटौती हुई है। यूरोप में चल रहे गर्मी के मौसम में एयरकंडीशनर चलाने के लिए ज्यादा बिजली बनाने के लिए ज्यादा गैस की जरूरत पड़ रही है। नीदरलैंड्स में गुरुवार को ही गैस मूल्य में 30 प्रतिशत की अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई। पूरे यूरोप में बिजली का मूल्य भी बढ़ गया है।
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